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उत्तर प्रदेश में व्यक्तिगत शौचालय को ‘‘इज्जत घर’’ का नाम दिया गया

लखनऊ, - उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों के समस्त ग्रामों को बेस लाइन सर्वे 2012 के अनुरूप खुले में शौच मुक्त बनाने का काम पूर्ण कर लिया गया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 से अब तक शौचालय निर्माण की राष्ट्रीय स्तर पर तुलनात्मक प्रगति में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। प्रतीकात्मक रूप से प्रदेश में व्यक्तिगत शौचालय को ''इज्जत घर'' का नाम दिया गया है।
यह जानकारी उ0प्र0 के पंचायतीराज मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी ने आज यहां विधान भवन स्थिति अपने कार्यालय कक्ष में विधि विधान से प्रवेश करने के उपरान्त दी है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग करना सुनिश्चित करें, विभागीय कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने यह भी कहा है कि विभागीय अधिकारी/कर्मचारी कार्यालय में समय से उपस्थित होकर विभागीय कार्यों को करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण समुदाय को स्वच्छता एवं साफ-सफाई के प्रति विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम एवं गतिविधियों के माध्यम से करना सुनिश्चित किया जाये इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर किया जाये। उन्होंने बताया कि लेफ्ट आॅउट बेनिफिशियरी (एलओबी) अन्तर्गत 43,30,652 छूटे हुए पात्र परिवारों के सापेक्ष अब तक कुल 40,30,155 परिवारों हेतु व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण कराया गया, जिसमें वर्ष 2018-19 में 9,07,682 परिवारों एवं वर्ष 2019-20 में 31,22,473 शौचालय का निर्माण कराते हुए जी.ओ. टैग का कार्य पूर्ण किया गया।
श्री चैधरी ने बताया कि नमामि गंगे परियोजना अन्तर्गत गंगा किनारे स्थित 25 जनपदों के 1627 ग्रामों को वर्तमान वर्ष में खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया गया है। गंगा की धारा को फिर से निर्मल करने और उनकी पवित्रता को बनाये रखने के लिए इन ग्रामों के निवासियों हेतु शौचालयों का निर्माण कराकर और उनके साफ-सफाई संबंधी व्यवहार में परिवर्तन लाकर गंगा को और मलिन होने से बचाने में बड़ी सफलता मिली है।
पंचायतीराज मंत्री श्री चैधरी ने बताया कि योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों के क्रम में पब्लिक फाइनेन्शियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) का क्रियान्वयन प्रक्रियाधीन है तथा अब तक 57,717 ग्राम पंचायतों के पीएमएसएस पर पंजीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 14वें वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग व अन्य विभागीय योजनाओं के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 2,22,489 हैण्डपम्पों की सामान्य मरम्मत का कार्य ग्राम पंचायतों द्वारा कराया गया है। वित्तीय 2019-20 में अब तक 1,25,799 हैण्डपम्पों की सामान्य मरम्मत का कार्य ग्राम पंचायतों द्वारा कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1,12,033 हैण्डपम्पों के रिबोर का कार्य कराया गया है। वित्तीय 2019-20 में अब तक 66,063 हैण्डपम्पों के रिबोर का कार्य कराया गया है।
श्री चैधरी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में 78 पंचायत भवनों के लक्ष्य के सापेक्ष शतप्रतिशत पंचायत भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 78 पंचायत भवनों के निर्माण कार्य हेतु धनराशि जनपदों को अवमुक्त की गई है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 401 अन्त्येष्टि स्थलों के लक्ष्य के सापेक्ष शतप्रतिशत अन्त्येष्टि स्थलों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 410 अन्त्येष्टि स्थलों के निर्माण कार्य हेतु धनराशि जनपदों को अवमुक्त की गई है। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजनान्तर्गत वर्ष 2018-19 में 298 नये पंचायत भवनों के निर्माण एवं 273 पंचायत भवनों की मरम्मत हेतु धनराशि जनपदों को निर्गत की जा चुकी है एवं निर्माण कार्य प्रारम्भ किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 से अब तक 1,32,076 जनप्रतिनिधियों/कर्मियों/संदर्भ व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया। श्री चैधरी ने बताया कि प्रदेश की जिला पंचायतों द्वारा 1154.10 किमी0 सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया, जो कि निर्घारित लक्ष्य का 96.24 प्रतिशत है। उ0प्र0 की जिला पंचायतों द्वारा 361 कांजी हाउस को क्रियाशील किया गया है, जिनके रखरखाव की व्यवस्था भी जिला पंचायत द्वारा की जा रही है।


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