लखनऊ, - प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने आज नवीन भवन स्थित पारिजात कक्ष में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के साथ बैठक की। बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष एवं सभी सदस्य उपस्थित थे। डॉ दिनेश शर्मा ने बैठक में बोर्ड के कामकाज से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की।
उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने बैठक में निर्देश दिये कि चयन बोर्ड की लंबित सभी भर्ती प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। साथ ही नई भर्ती प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया जाए तथा भर्ती प्रक्रिया को निश्चित समयावधि में पूरा किया जाए। उन्होंने बोर्ड की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं आनी चाहिए। भर्ती प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न कराई जाए।
इसके साथ ही उप मुख्यमंत्री ने आगामी बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन सम्पन्न कराने के लिये माध्यमिक शिक्षा परिषद तथा विभागीय अधिकारियों को भी जरूरी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुये नकलविहीन परीक्षा सुचारू रूप से सम्पन्न करायी जाय। परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण में शासन द्वारा निर्धारित मानकों का अनिवार्य रूप से अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। परीक्षा केन्द्र के निर्धारण में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई की जायेगी।
बैठक में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला, सचिव माध्यमिक शिक्षा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा एवं सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद सहित अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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