लखनऊ - समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व एवं पार्टी की नीतियों पर आस्था जताते हुए आज पूर्वमंत्री एवं बसपा के वरिष्ठ नेता घूराराम, फूलन सेना के अध्यक्ष गोपाल निषाद, वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षक संघ के गिरजेश यादव, अच्छेलाल निषाद और डाॅ0 गीता कुमार ने अपने तमाम साथियों के साथ समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
अखिलेश यादव ने पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि उनके आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी।
घूराराम के साथ बलिया जनपद के बेल्थरा रोड एवं रसड़ा विधानसभा क्षेत्र के बसपा के तमाम पदाधिकारी भी बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। श्री घूराराम 1993 में सपा-बसपा गठबंधन सरकार में मंत्री व विधायक रहे। सन् 2002 से 2012 तक लगातार रसड़ा, बलिया से विधायक रहे। सन् 2019 से लोकसभा प्रभारी प्रत्याशी, लालगंज, आजमगढ़ एवं प्रभारी राजस्थान, प्रभारी गुजरात एवं महाराष्ट्र रहे। इनके अतिरिक्त अपना दल छोड़कर मिर्जापुर की ममता गोंड, सलोनी गोंड और शीला गोंड ने भी पार्टी की सदस्यता ली है। आजमगढ़ के भाजपा नेता अशोक मौर्य भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं।
समाजवादी पार्टी में शामिल नेताओं ने भरोसा दिलाया कि वे सन् 2022 में अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए जी-जान से प्रयास करेंगे और समाजवादी पार्टी को मजबूती प्रदान करेंगे।
संजीव किसान और अतुल यादव ने किसान ऐप जारी करते हुए इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इससे किसान सभी कृषि सम्बंधी वांछित जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
इस अवसर पर अहमद हसन, रामगोविन्द चौधरी, नरेश उत्तम पटेल, राजेन्द्र चौधरी, एसआरएस यादव, अरविन्द कुमार सिंह, संजय सिंह चैहान आदि की मौजूदगी उल्लेखनीय रही।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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