नई दिल्ली - देश के जाने-माने पत्रकार एवं एनडीटीवी के मैनेजिंग एडिटर रवीश कुमार को वर्ष 2019 का "रैमाॅन मैगसेसे" पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रैमाॅन मैगसेसे की याद में दिया जाता है। रवीश कुमार को यह सम्मान उनकी साहसिक और बेबाक पत्रकारिता के लिए दिए जाने की घोषणा हुई है। रवीश कुमार यह पुरस्कार पाने वाले 11वें भारतीय पत्रकार हैं। अवॉर्ड फाउंडेशन की वेबसाइट पर विजेताओं की जारी सूची में कहा गया है कि भारत के पत्रकार रवीश कुमार को कमजोरों की आवाज बनने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है।
5 सितंबर 1974 को बिहार के मोतिहारी में जन्मे रवीश कुमार को इससे पूर्व 2010 व 2014 में गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार एवं 2013 में उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। पत्रकारिता जगत में अपनी अलग पहचान बनाने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक रवीश कुमार भारतीय जनसंचार संस्थान से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त कर चुके हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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