लखनऊ, - हज-2019 के लिए लखनऊ स्थल से जाने वाले हज यात्रियों की वापसी उड़ानें 29 अगस्त, 2019 से प्रारम्भ हो रही हैं। प्रथम उड़ान 29 अगस्त को प्रातः 03.05 पर लखनऊ स्थित अमौसी हवाई अड्डे पर पहुंचेगी, जिससे 300 यात्रियों का पहला जत्था आयेगा। उड़ाने मदीने से सीधे लखनऊ आयेंगी।
यह जानकारी आज यहां उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के सचिव/कार्यपालक अधिकारी, राहुल गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुविधा हेतु एयरपोर्ट परिसर के बाहर अस्थायी पंडाल लगाये गये हैं, जहां पर उनके परिजनों आदि के बैठने व नमाज अदा करने की व्यवस्था है। साथ ही जल संस्थान द्वारा पानी के टैंकर उपलब्ध कराये गये हैं तथा आवश्यकतानुसार मोबाइल टाइलेट आदि की भी व्यवस्था है। वर्तमान समय में चैधरी चरण सिंह हवाई अड्डा, अमौसी पर चल रहे निर्माण कार्य के कारण रास्ते काफी सकरे हो गये हैं तथा बारिश के चलते परिसर के आस-पास जल भराव भी है, जिसे हज यात्रियों को लेने आने वाले परिजनों को असुविधा भी हो सकती है, जिसके अन्तर्गत हज यात्रियों को लेने आने वाले उनके परिजनों से अनुरोध है कि वह हवाई अड्डे पर उड़ान की जानकारी किये जाने के उपरान्त ही पहुंचे, ताकि उन्हें अधिक समय तक उड़ान हेतु प्रतीक्षा न करना पड़े और वह होने वाली असुविधा से बच सकें।
उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति व एयरपोर्ट अथाॅरिटी द्वारा बेहतर व्यवस्था किये जाने का प्रयास किया गया है फिर भी समय से पहुंचने पर असुविधा से बचा जा सकता है। यात्रियों की सुविधा हेतु डाक्टरों का एक दल भी एयरपोर्ट पर तैनात कर दिया गया है। साथ ही एम्बुलेंस की भी एयरपोर्ट पर व्यवस्था की गई है। अन्तिम उड़ान 13 सितम्बर, 2019 को लखनऊ पहुंचेगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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