वॉशिंगटन,- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वह अमेरिका में जन्मे उन बच्चों की दी जाने वाली जन्मजात नागरिकता समाप्त करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं जिनके माता-पिता अमेरिकी नागरिक नहीं हैं।
ट्रंप ने जन्मजात नागरिकता पर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा,''हम जन्मजात नागरिकता पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। स्पष्ट कहूं तो यह बकवास है।'' उन्होंने कहा, ''जन्मजात नागरिकता यह है कि हमारी जमीन में आपका बच्चा हुआ है, आप सीमा पार से आते हैं, बच्चे को जन्म देते हैं, बधाई हो, बच्चा अब अमेरिकी नागरिक है।... हम इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।'' गौरतलब है कि ट्रंप ने 2016 में राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि वह जन्मजात नागरिकता को समाप्त करेंगे।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वह अमेरिका में जन्मे उन बच्चों की दी जाने वाली जन्मजात नागरिकता समाप्त करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं जिनके माता-पिता अमेरिकी नागरिक नहीं हैं। ट्रंप ने जन्मजात नागरिकता पर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा,''हम जन्मजात नागरिकता पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। स्पष्ट कहूं तो यह बकवास है।'' उन्होंने कहा, ''जन्मजात नागरिकता यह है कि हमारी जमीन में आपका बच्चा हुआ है, आप सीमा पार से आते हैं, बच्चे को जन्म देते हैं, बधाई हो, बच्चा अब अमेरिकी नागरिक है।... हम इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।'' गौरतलब है कि ट्रंप ने 2016 में राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि वह जन्मजात नागरिकता को समाप्त करेंगे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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