एमएसएमई मंत्री ने विभाग की समीक्षा कर औद्योगीकरण की गति तेज करने पर बल दिया


लखनऊ, - उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निर्यात प्रोत्साहन, खादी, रेशम, एन0आर0आई0 तथा निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में निर्यात की अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं। उत्तर प्रदेश अभी तक उपभोक्ता राज्य के रूप में जाना जाता रहा है, इसे उत्पादक राज्य बनाने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे। राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने लिए औद्योगीकरण पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनुशासन मंे रह कर कार्य करने तथा कार्य क्षेत्र का वातावरण स्वच्छ रखने के निर्देश भी दिए।
श्री सिंह आज यहां कैसरबाग स्थित निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अधिकारियों के साथ परिचयात्मक बैठक कर रहे थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 की स्थापना में आसानी के लिए निवेश मित्र पोर्टल एवं सिंगल विन्डो सिस्टम को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। साथ ही विभाग द्वारा स्थापित औद्योगिक आस्थानों एवं मिनी औद्योगिक आस्थानों की सूचना वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा। उन्होंने औद्योगिक भूखण्ड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भूखण्डों का डेटाबेस तैयार कराने के भी निर्देश दिये।  सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ने लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी विभाग द्वारा क्रय की जाने वाली वस्तुओं को एम0एस0एम0ई0 से 25 प्रतिशत अनिवार्य रूप से खरीदने की कार्ययोजना बनाने और इससे संबंधित प्रस्ताव जल्द से जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश। उन्होंने प्रदेश सरकार की महात्वाकांक्षी योजना ओ0डी0ओ0पी  की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रत्येक जिले के चिन्हित उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने और विपणन की सुविधा सुलभ कराने के लिए आनलाइन खरीद को और विस्तार दिया जाये। इसके लिए ख्याति प्राप्त आनलाइन सामान बेंचने वाली कम्पनियों से करार किया जाय। साथ ही ओ0डी0ओ0पी0 उद्यमियों द्वारा आनलाइन सामान बेंचने पर होने वाले मनी गैप को भी कम करने पर विशेष बल दिया जाय।
लघु उद्योग मंत्री ने उत्तर प्रदेश से होने वाले निर्यात में बढ़ोत्तरी पर प्रसन्नता व्यक्त की। साथ ही निर्यात का लक्ष्य और अधिक बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 01 लाख 14 हजार करोड़ का निर्यात उत्तर प्रदेश से विदेशों में हुआ है, जो गत वर्ष की तुलना में लगभग 25 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने प्रदेश से निर्यात में वृद्धि, निर्यातकों को प्रोत्साहित करने, निर्यात में आ रही कठिनाइयों एवं समस्याओं के निराकरण के संबंध में अधिकारियों को निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि सभी जिलों के ओ0डी0ओ0पी0 प्रोडक्ट की जी0आई0 मैपिंग कराई जायेगी। प्रथम चरण में 10 उत्पादों के जी0आई0 मैपिंग का शुरू कर दिया गया है। इसमें नाबार्ड का भी सहयोग प्राप्त किया जा रहा है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (राज्यमंत्री) चैधरी उदय भान सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा उत्तर प्रदेश को औद्योगिक क्षेत्र में सबसे आगे ले जाने की है। अधिकारियों को राष्ट्र तथा समाज हित में काम करते हुए सरकार की इस मंशा को पूरा करना है। उन्होंने सभी विभागीय क्रियाकलापों की समीक्षा की और उचित दिशा-निर्देश भी दिए।
प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने मंत्रीगणों को विभाग द्वारा संचालित समस्त योजनाओं की विस्तार  से जानकारी दी। साथ ही प्रस्तुतिकरण के माध्यम से विभाग के क्रियाकलापों एवं प्रस्तावित नवीन योजनाओं से अवगत कराया। उन्होंने मंत्रीगणों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा दिये गये निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा। विभाग द्वारा संचालित स्वरोजगारपकर योजनाओं को धरातल पर उतारने के हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे।
बैठक में आयुक्त एवं निदेशक उद्योग श्री गौरव दयाल, विशेष सचिव श्री प्रदीप तिवारी तथा श्री अमित सिंह सहित बड़ी सख्या में विभागीय अधिकारी मौजूद थे।


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