आज़म खान की पत्नी ने पुलिस पर लगाये पैसे लूटने के आरोप
रामपुर - ।। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान की पत्नी और राज्यसभा सांसद ताज़ीन फातमा ने जौहर यूनिवर्सिटी में एक पत्रकार वार्ता बुलाकर पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए उन्होंने कहा है कि यह पुलिस और प्रशासन ने यूनिवर्सिटी पर छापा नहीं बल्कि एक ऑर्गेनाइज लूट की है उन्होंने कहा कि जो किताबें यूनिवर्सिटी से बरामद बताई जा रही है वह पुलिस की गाड़ियों में कार्टून में भरकर लाई गई थी और फिर यहां से बरामद दर्शा दी गई । इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रूम में रखे जकात के पैसे जो गरीब बच्चों की फीस के लिए लोगों ने दे रखे थे वह भी पुलिस लूट कर ले गई उन्होंने यह भी कहा के यहां रखे कीमती डेकोरेशन पीस भी पुलिस वाले और प्रशासन वाले तलाशी के बहाने लूट कर ले गए
जिन इल्ज़ामों को लेकर यूनिवर्सिटी पर छापा मारी की है पुलिस और प्रशासन ने वो इल्ज़ाम पूरी तरह गलत हैं बेबुनियाद हैं किसी भी शिक्षण संस्था में घुसते समय कोई भी हो पुलिस हो या प्रशासन हो उसे पदाधिकारियों से वाइस चांसलर से परमिशन लेना चाहिए जो नहीं ली गई और यह एक तरह की लूट है छापामारी नहीं है और जिन किताबों को वह बरामद होना बता रहे हैं विश्वस्त सूत्रों से यह ज्ञात हुआ है जिस वक्त यूनिवर्सिटी के अंदर गाड़िया घुस रही थीं उनमे पहले से जरत्न और भरे हुए बोरे मौजूद थे जो उन्होंने खुद लाइब्रेरी में रखें और फिर लायब्रेरी से बरामद किए , और अगर ऐसा नहीं था तो उन्हें मीडिया को लाइब्रेरी में बुलाना चाहिए था ताकि मीडिया जान सकता कि सच्चाई क्या है
जकात का पैसा जो यूनिवर्सिटी में रखा था तकरीबन ₹600000 वह मैंने बताया आपको के यहां चांसलर ऑफिस में रखा हुआ था उसका ताला टूटा हुआ था अलमारी कभी तारा टूटा हुआ है जिसमें पैसा रखा हुआ था लोग आते हैं यहां गरीब बच्चों की संख्या ज्यादा है जो अपनी फीस नहीं दे पाते हैं तो यह जकात का पैसा लोग देते हैं उन बच्चों की फीस जमा करने के लिए पुलिस वाले लूट कर ले गए हमें नहीं मालूम वही लोग लूट कर ले गए अलमारी का ताला टूटा हुआ है यहां बहुत कीमती डेकोरेशन पैसे से जो लोगों ने गिफ्ट किए थे वह भी लूटकर ले गए
किसानों को बहला-फुसलाकर डरा धमकाकर और यह कहकर कि तुम्हें और पैसा दिलवाया जाएगा जबरदस्ती मुकदमे लिखवा गई हैं किसानों को पहला पैसा मिल चुका है चेक से मिला है और किसानों ने रजिस्ट्री की आले हसन साहब पर जो मुकदमे लगी है वह बिल्कुल गलत है यह 2006 के कैसे हैं क्या आले हसन साहब 2006 से अब तक धमकाते रहे जब के बीच में दूसरी सरकारें आई समाजवादी सरकार चली गई थी बहुजन की सरकार आई थी और अब 2 साल से तो बीजेपी की सरकार थी तब यह लोग कहां थे जो अब मुकदमे लिखवा रहे हैं अब भड़का रहे हैं इसलिए कि अब सरकार का इशारा है और पुलिस और प्रशासन आजम साहब की छवि करने में लग गया है
टिप्पणियाँ