’वृक्षारोपण महाकुम्भ’ अभियान हेतु निःशुल्क पौधे होंगे उपलब्ध
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, मंत्री श्री दारा सिंह चैहान एवं विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, श्री उपेन्द्र तिवारी ने आज कुकरैल पिकनिक स्पाॅट में हरिशंकरी रोपित कर वन महोत्सव व वृक्षारोपण योग (च्संदजंजपवद ल्वहं) का शुभारम्भ किया। श्री चैहान ने कहा कि प्रदेश में विद्यमान वनावरण व वृक्षावरण को 9.18 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत तक करने के प्रदेश सरकार के संकल्प को पूर्ण करने हेतु इस वर्ष वृक्षारोपण महाकुम्भ के अन्तर्गत प्रदेश में व्यापक जन सहयोग से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक दिन में 22 करोड़ पौधों का रोपण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर विचार विमर्श कर माइक्रोप्लान तैयार किए गये हैं तथा माइक्रोप्लान का विश्लेषण कर इनमें इंगित प्रजातियों को विभागीय पौधशाला में तैयार किया गया है। वृक्षारोपण को बढ़ावा देने व इसे जन अभियान का रूप देने हेतु हमारी सरकार द्वारा 'वृक्षारोपण महाकुम्भ' अभियान हेतु निःशुल्क पौध उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है।
बढ़ते जल संकट पर प्रधानमंत्री जी द्वारा विश्व के विभिन्न मंचों एवं कल आकाशवाणी में ''मन की बात'' कार्यक्रम में इस समस्या के प्रति चिंता करते हुए लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए समस्या के निराकण के लिए देश की प्रतिबद्धता व्यक्त करने के क्रम में मंत्री जी ने कहा कि इस समस्या का मूलमंत्र किसानों को शामिल करते हुए अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर वृक्षावरण में वृद्धि करना है। श्री चैहान ने प्रयागराज में आयोजित कुम्भ में श्रद्धालुओं को गंगा व यमुना में स्वच्छ जल उपलब्ध करवाने का उल्लेख करते हुए कहा कि बिजनौर से बलिया तक व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण कर गंगा के तट को हरा-भरा करना एवं गंगा को निर्मल करने हेतु प्रदेश सरकार निरन्तर प्रयासरत है।
राज्य मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, उ0प्र0 श्री उपेन्द्र तिवारी ने विगत वर्ष वन महोत्सव के अवसर पर मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश में 22 करोड़ पौध रोपित किए जाने के निर्देश वन विभाग द्वारा कार्यक्रम में प्रस्तुत करने के लिए विभाग को बधाई देते हुए कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग विशेषकर विद्यार्थियों को पौध रोपित करने रख रखाव तथा सिंचन हेतु प्रेरित कर व रोपित वृक्षों के साथ जुड़ाव महसूस कर वृृक्षावरण विस्तार के लक्ष्य प्राप्त करने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। श्री तिवारी ने कहा कि देश में बरगद, पीपल, आम, नीम, तुलसी, बेल, कुश इत्यादि की पूजा एवं धार्मिक कार्यों मंे इनके विभिन्न अंगों के प्रयोग की समृद्ध परम्परा है। उन्होंने विभिन्न संस्थाओं, संगठनों, विद्यालयों एवं आद्योगिक इकाइयों को आगे आकर रोपित पौधों की सुरक्षा हेतु ट्री गार्ड उपलब्ध करवाने एवं पौधे गोद लेने का आह््वान किया। श्री तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों, किसानों व विद्यार्थियों सहित समाज के समस्त वर्गों की वृक्षारोपण महाकुम्भ में सहभागिता प्राप्त की जाए। उन्होंने जल संरक्षण में वन विभाग के महत्वपूर्ण योगदान, वृक्षारोपण से जल संचयन एवं नदियों के जल को प्रदूषण मुक्त करने व जल स्तर बनाए रखने हेतु वृक्षारोपण की महत्वपूर्ण भूमिका के दृृष्टिगत स्वच्छता अभियान की भांति जल संरक्षण को भी आन्दोलन का रूप देने का आहवान किया। मंत्री जी ने कहा कि शिशु के जन्म के क्षण को अविस्मरणीय बनाने के लिए शिशु के नाम का पौधा लगाए जाने हेतु वृृक्षारोपण कार्यक्रम में चिकित्सकों को भी शामिल करें।
हेड आॅफ फाॅरेस्ट फोर्स/प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश, श्री पवन कुमार ने वृृक्षारोपण योग (च्संदजंजपवद ल्वहं) के विभिन्न चरणों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि नई सोच, विचार व रणनीति बनाते हुए वृक्षारोपण महाकुम्भ के अन्तर्गत 22 करोड़ पौध रोपण का लक्ष्य प्राप्त करने में सफल हो सकते हैं। पीपल, बरगद व पाकड़ को एक साथ रोपित कर हरिशंकरी की स्थापना पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि ये वृक्ष छाया उपलब्ध कराने के साथ ही प्रेम व सहिष्णुता का सन्देश देते हैं। श्री कुमार ने महान दार्शनिक अरस्तू के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि वृक्ष लगाना, जल संरक्षण, शुद्ध हवा, भू-गर्भ जल स्रोतों का पुनर्भरण, तापमान न्यून करना एवं जैवविविधता संरक्षण आज की संस्कृृति का अंग है। आक्सी इको कार्ड, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर के समान निःशुल्क पौधों को डायरेक्ट सैपलिंग ट्रान्सफर (क्पतमबज ेंचसपदह ज्तंदेमित) एवं ग्राम पंचायत स्तर तक माक्रोप्लान तैयार कर इंगित प्रजातियों को प्रदेश की 1490 पौधशालाओं में उगाए जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने वृक्षारोपण महाकुम्भ के विभिन्न आयामों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, उ0प्र0शासन, श्रीमती कल्पना अवस्थी ने फल्दू, हेड आॅफ फारेस्ट फोर्स/प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश, श्री पवन कुमार ने अर्जुन, प्रमुख वन संरक्षक अनुश्रवण एवं कार्य योजना, श्री शैलेश प्रसाद व मिशन निदेशक, श्री विभाष रंजन ने शीशम तथा अन्य उपस्थित विशिष्टजनों व विद्याार्थियों द्वारा विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपित किए गए।
वन महोत्सव के अवसर पर कुकरैल वन में प्रजातियों के अनुसार तैयार किए गए 18 ग्रिडों में शीशम, अर्जुन, फल्दू, बेल, आंवला, नीम, खैर आदि प्रजातियों के एक हजार पौधे रोपित किए गए। वन महोत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों, महिलाओं, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों, पर्यावरण पे्रमियों, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों एवं वरिष्ठ वनाधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
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