सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलीं प्रियंका, गतिरोध हुआ समाप्त


सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलीं प्रियंका, गतिरोध हुआ समाप्त मिर्जापुर/लखनऊ, - प्रियंका गांधी वाड्रा और मिर्जापुर जिला प्रशासन के बीच चल रहा गतिरोध शनिवार दोपहर कांग्रेस महासचिव के सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मुलाकात के साथ ही समाप्त हो गया । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय राय ने कहा, 'कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और मिर्जापुर जिला प्रशासन के बीच गतिरोध समाप्त हो गया है । प्रियंका ने सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मुलाकात कर ली है ।'  उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवारों की सात महिलाओं सहित कुल 15 लोगों ने प्रियंका से मुलाकात की और इसके बाद कांग्रेस महासचिव वाराणसी के लिए रवाना हो गयीं ।

         मुलाकात के बाद प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा, 'इन बच्चों ने अपने माता -पिता खो दिये हैं । कुछ परिवार ऐसे हैं, जिनके बच्चे और माता-पिता अस्पताल में भर्ती हैं । ये लोग पिछले डेढ़ महीने से अपनी दिक्कतों के बारे में प्रशासन को सूचित कर रहे थे ।'  उन्होंने कहा कि गांव की महिलाओं के खिलाफ कई फर्जी मामले भी दर्ज किये गये हैं । प्रियंका ने कहा, ''इन लोगों के साथ जो भी हुआ, बहुत गलत हुआ । इनके साथ घोर अन्याय हुआ है और हम दुख की इस घड़ी में उनके साथ हैं तथा उनकी लड़ाई लड़ेंगे ।''  गांववालों की मांग के बारे में प्रियंका ने कहा कि जिस भी परिवार ने किसी सदस्य को खोया है, उसे वित्तीय सहायता के रूप में 25 लाख रुपये मिलने चाहिए । पीढ़ियों से जिस भूमि पर वे खेतीबाड़ी करते आ रहे हैं, वह उन्हें दी जानी चाहिए । इन लोगों के मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक आधार पर हो, ताकि ये विवाद खत्म हों । निर्दोष गांववालों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिये जाने चाहिए ।

प्रियंका ने कहा कि यह नरसंहार था और लोगों की हत्याएं की गयी हैं । उनके साथ अन्याय हुआ है । बच्चों ने अपने माता-पिता खोए हैं । सरकार और प्रशासन ने घटना को दबाने का प्रयास किया ।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अंतत: वह उम्भा नरसंहार के पीड़ित परिवारों से मिलीं । उनके साथ जो हुआ, वह अत्यंत नृशंस और अन्यायपूर्ण है । मानवता के नाम पर हर भारतीय को उनके :ग्रामीणों: साथ खड़ा होना चाहिए ।

कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'जिन्होंने मुझे गिरफ्तार किया, अपनी गाड़ी में बिठाकर चुनार के किले में लाये, जिन्होंने मुझे इस दरवाजे से उस दरवाजे तक रोका ... वो आज कह रहे हैं कि मैं गिरफ्तार नहीं हूं, मैं स्वतंत्र हूं, मैं जा सकती हूं, उन्हें मैं कहना चाहती हूं कि मेरा मकसद पूरा हुआ, मैं परिवार के सदस्यों से मिली । आज मैं जा रही हूं लेकिन मैं वापस आऊंगी ।' 

उन्होंने कहा, '... यह संघर्ष उन पीड़ित परिवारों का है, कांग्रेस पार्टी का है, यह संघर्ष एक एक कार्यकर्ता का है और हम यह संघर्ष करेंगे । हम उनकी लड़ाई लड़ेंगे । उनके साथ जो अन्याय हुआ है, उसको हम ठीक करेंगे, उनके साथ न्याय करेंगे ।' 

प्रियंका से मिलने आये कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्हें मुलाकात से रोका गया । स्थानीय लोगों ने यह दावा भी किया कि ''प्रशासन हमलावरों के दबाव में है । घटना वाले दिन हमसे सुलह के लिए कहा गया था । हममें से कई के खिलाफ फर्जी मुकदमे किये गये हैं ।'' 

उधर, जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने कहा कि प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाने से रोका गया, जहां दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है । सोनभद्र में चूंकि धारा—144 लागू है, इसलिए प्रियंका को रोका गया । ऐसी आशंका थी कि प्रियंका के सोनभद्र जाने से शांति व्यवस्था पर असर पड़ सकता था । प्रियंका को केवल सोनभद्र जाने से रोका गया था । न तो उन्हें हिरासत में लिया गया था और न ही अन्यत्र कहीं जाने से रोका गया था ।




     इससे पहले सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ित परिवारवालों को मिलने से रोकने पर नाराज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था कि वे बहुत कष्ट में यहां आये हैं, कम से कम उन्हें मिलने तो दिया जाए । प्रियंका ने मिलने आये पीड़ित परिवारों के सदस्यों की ओर इशारा करते हुए संवाददाताओं से कहा, 'इनको आने दिया है, बाकी 15 जने हैं, पीड़ित परिवार के सदस्य हैं, जिनसे मैं मिलने आयी थी, उन्हें गेट पर रोका जा रहा है । इसलिए मैं वहां जा रही हूं ... मुझे रोका जा रहा है । मैं कह रही हूं कि उन्हें आने दीजिए । इतने कष्ट में आये हैं । कम से कम मेरे से मिलने तो दीजिए ।'  उन्होंने कहा, 'इनके साथ इतना बड़ा हादसा हुआ है, नरसंहार हुआ है, लोगों की हत्या की गयी है, उनके परिवार के सदस्यों की हत्या हुई है । और इनको रोका जा रहा है । तमाम कार्यकर्ताओं को मिलने दिया जा रहा है और उनको रोका जा रहा है ।'  प्रियंका से मिलने आये कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्हें प्रियंका से मिलने से रोका गया । 
       


पीड़ित परिवारों के कुछ सदस्यों ने प्रियंका से मिर्जापुर स्थित चुनार गेस्ट हाउस में मुलाकात की । प्रियंका को स्थानीय प्रशासन ने हिरासत में ले लिया था और उन्होंने रात गेस्ट हाउस में ही गुजारी । प्रियंका गांधी को शोकाकुल पीड़ित परिजनों के आंसू पोंछते और उन्हें पानी पिलाते देखा गया । वह लगातार उन्हें सांत्वना दे रही थीं । 

       कांग्रेस महासचिव ने रात चुनार गेस्ट हाउस में ही गुजारी । उन्होंने सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों से मिले बिना वापस लौटने के स्थानीय प्रशासन के अनुरोध को ठुकरा दिया था। प्रियंका और अधिकारियों के बीच रात करीब 12:00 बजे से 1:15 बजे तक चली दूसरे दौर की बातचीत भी नाकाम रही और प्रियंका तथा उनके सैकड़ों समर्थक चुनार गेस्ट हाउस में ही डटे रहे ।

       उन्होंने देर रात किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वाराणसी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक बृजभूषण, वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल और पुलिस उप महानिरीक्षक को मुझसे यह कहने के लिए भेजा कि मैं यहां पीड़ितों से मिले बगैर वापस चली जाऊं । न मुझे हिरासत में रखने का आधार बताया गया है और न ही कोई कागज दिए गए ।

     प्रियंका ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''मेरे वकीलों के मुताबिक मेरी गिरफ्तारी हर तरह से गैरकानूनी है । मैंने स्पष्ट कर दिया है कि मैं किसी धारा का उल्लंघन करने नहीं, बल्कि पीड़ितों से मिलने आई हूं । मैंने सरकार के दूतों से कहा है कि मैं उनसे मिले बगैर वापस नहीं जाऊंगी ।''  उन्होंने एक वीडियो भी ट्वीट किया, जिसमें वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी रात करीब 1:15 बजे उनके साथ बैठक बेनतीजा खत्म होने के बाद वापस जाते दिखते हैं ।

      प्रियंका और अन्य समर्थकों के साथ चुनार गेस्ट हाउस में मौजूद कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने शनिवार को  कहा कि सरकार बिजली और पानी की आपूर्ति बंद कर उन्हें गेस्ट हाउस छोड़ने पर मजबूर कर रही है लेकिन उनके कदम पीछे नहीं हटेंगे । उन्होंने कहा कि पूरी रात बिजली नहीं आई । इस दौरान प्रियंका सुबह करीब 4:30 बजे तक कार्यकर्ताओं के साथ बैठी रहीं । सरकार ने गेस्ट हाउस में जलपान का कोई इंतजाम नहीं किया । स्थानीय नागरिक और पार्टी कार्यकर्ता ही कुछ प्रबंध कर रहे हैं ।

      मालूम हो कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को सोनभद्र में हुए सामूहिक हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलने जाने के दौरान शुक्रवार को मिर्जापुर के अदलहाट क्षेत्र में प्रशासन ने रोककर अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत हिरासत में ले लिया था । बाद में उन्हें चुनार गेस्ट हाउस लाया गया था ।

प्रशासन के आला अधिकारियों ने उन्हें सोनभद्र में दफा 144 लागू होने की बात कहते हुए वापस लौट जाने को कहा, मगर प्रियंका ने उन्हें जवाब दिया कि वह अकेली ही सोनभद्र जाकर पीड़ितों से मिलने को तैयार हैं । ऐसे में निषेधाज्ञा का तनिक भी उल्लंघन नहीं होगा । उन्होंने साफ कहा कि वह उनसे मिले बगैर वापस नहीं जाएंगी।


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