उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जयंती एवं शहीद चन्द्रशेखर आजाद जयंती के अवसर पर लखनऊ के लालबाग चैराहा स्थित आयोजित कार्यक्रम में अपनी और प्रदेश की जनता की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा में लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया, भातखण्डे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय, लखनऊ की कुलपति सुश्री श्रुति सडोलीकर और श्री उदय खत्री सहित अन्य नागरिकजन उपस्थित थे।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं यहां पर हर वर्ष आता रहा हूँ। मगर इस वर्ष बोनस के रूप में मिला समय में आने का मौका मिला। यानी मेरा कार्यकाल 22 जुलाई, 2019 को समाप्त हो गया है और नये राज्यपाल की घोषणा भी हो चुकी है। संविधान के अनुसार जब तक नवनियुक्त राज्यपाल शपथ नहीं ले लेता तब तक वर्तमान राज्यपाल ही कार्य करता रहता है। उत्तर प्रदेश के नये राज्यपाल के रूप में श्रीमती आनंदी बेन पटेल 29 जुलाई, 2019 को शपथ लेंगी। जब मैं पहली बार यहां आया तो केवल मूर्ति रखी थी, अब उसका भव्य रूप हो गया है। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान सरकार में उत्तर प्रदेश 'सर्वोत्तम प्रदेश' बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सारे उत्तर प्रदेश की जनता का जो मुझे सहयोग प्राप्त हुआ उसके लिये मैं उत्तर प्रदेशवासियों का धन्यवाद देता हूँ।
श्री नाईक ने कहा कि यह संयोग है कि देश में वैचारिक क्रांति प्रारम्भ करने वाले लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और शस्त्र क्रांति के जनक चन्द्रशेखर आजाद की जयन्ती एक ही दिवस पर होती है। उन्होंने कहा कि जहां तक लोकमान्य तिलक की बात है तो उनके परिवार के लोग तिलक को अच्छा वकील बनने का सपना देखते थे, लेकिन तिलक ने खुद के लिये वकालत न करके देश के लिये वकालत की। ऐसा करने पर अंग्रेजों ने बाल गंगाधर तिलक को भारत में 'असंतोष का जनक' की उपाधि दी और अनेक मुकदमें उन पर चलाये। राज्यपाल ने कहा कि यह लखनऊवासियों का सौभाग्य की 1916 में यहां हुए कांग्रेस अधिवेशन में बाल गंगाधर तिलक ने कहा कि 'स्वाधीनता प्राप्त करना मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे प्राप्त करके ही रहूंगा।' बाल गंगाधर तिलक ने रंगून की कारागार में रहकर भागवत गीता पर आधारित 'गीता रहस्य' जैसी पुस्तक लिखी।
राज्यपाल ने कहा कि मेरी दृष्टि में चन्द्रशेखर आजाद का जीवन इस बात के लिये महत्वपूर्ण है कि उनके खून में ऐसी देशभक्ति भरी थी कि जज के सामने बड़ी निर्भिकता से अपना नाम 'आजाद' बताया। ऐसी हिम्मत करने वाले आजाद देश को आजाद कराने के लिये शस्त्र क्रांति का मार्ग अपनाया था। उस समय के इलाहाबाद और आज के प्रयागराज में चन्द्रशेखर आजाद को जब अंग्रेज सिपाहियों ने घेर लिया जब उनको इस बात का अहसास हुआ तो उन्होंने स्वयं की पिस्तौल से अपनी कनपटी पर गोली मारकर शहीद हो गये।
इस अवसर पर महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक एवं शहीद चन्द्रशेखर आजाद को अपनी श्रद्धांजलि दी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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