उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज सदर स्थित गुरूद्वारा श्री गुरूनानक सतसंग सभा जाकर गुरूनानक जी के 550वें जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित जागृति यात्रा के सदस्यों का स्वागत एवं अभिनन्दन किया। इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण एवं सिचाई मंत्री श्री बलदेव ओलख, लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष सरदार राजिन्दर सिंह बग्गा, महामंत्री सरदार हरपाल सिंह जग्गी, बिदर से जागृति यात्रा का नेतृत्व करने वाले डा0 गुरूमीत सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे। जागृति यात्रा 18 राज्यों से होते हुए बिदर के ऐतिहासिक गुरूद्वारा नानक झीरा से कल लखनऊ आयी।
राज्यपाल ने जागृति यात्रा मेें शामिल सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने 2018 में निर्णय लिया था कि गुरूनानक देव जी की 550वीं जयन्ती पूरे देश में मनायी जायेगी। 550वीं जयन्ती समारोह में विभिन्न प्रकार की कार्यशाला, व्याख्यान आदि का आयोजन किया जायेगा। सिख धर्म के संस्थापक गुरूनानक देव केवल महान संत नहीं बल्कि महान समाज सुधारक भी थे। उन्होंने मानवता के उद्धार के लिए सामाजिक कुरूतियों को समाप्त करने व आदर्श समाज की स्थापना के लिए जो पावन संदेश दिया वह सदैव प्रासंगिक रहेगा। उन्होंने कहा कि गुरूनानक ने कभी मानव जाति में भेदभाव नहीं समझा और महिलाओं के सम्मान को बहुत महत्व देते थे।
श्री नाईक ने कहा कि महापुरूषों के आदर्श हमारे जीवन में पवित्रता लाते हैं। सभी धर्म महान हैं। महापुरूषों के पावन उपदेश पर चलकर हमें देश और प्रदेश के विकास में सहयोग करना चाहिए। सामूहिकता में ही शक्ति है, इसलिए हम सबको एकता की भावना को बनाये रखना चाहिए। इसी में मानव जीवन का कल्याण निहित है। श्लोक 'चरैवेति! चरैवेति!!' का मर्म समझाते हुए राज्यपाल ने बताया कि जो बैठ जाता है उसका भाग्य भी बैठ जाता है, जो सोया रहता है उसका भाग्य भी सो जाता है, जो चलता रहता है उसका भाग्य भी चलता है। सूरज इसलिए जगत वंदनीय है क्योंकि वह निरन्तर चलायमान है। उन्होंने कहा कि जीवन में निरन्तर आगे बढ़ने से सफलता प्राप्त होती है।
कार्यक्रम में अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर राज्यपाल को सरोपा व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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