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निजी क्षेत्र के मेडिकल/डेन्टल काॅलेजो की फीस निर्धारित


लखनऊ, - राज्य सरकार ने प्रदेश के निजी क्षेत्र के मेडिकल/डेण्टल कालेजों के स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रमों (एम0बी0बी0एस0/बी0डी0एस0) की सिक्योरिटी धनराशि 03 लाख रुपये (तीन लाख रुपये मात्र) एवं छात्रावास शुल्क (वार्षिक) 1.50 लाख रुपये (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) अधिकतम निर्धारित किया है।

इस सम्बन्ध में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डा0 रजनीश दुबे ने शासनादेश जारी किया है। जारी शासनादेश के अनुसार निर्धारित शैक्षणिक शुल्क व अन्य शुल्क वर्षवार ही जमा कराया जाय तथा किसी भी दशा में अग्रिम वर्षों का शुल्क अग्रिम तौर पर न जमा कराया जाय।

प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टंडन के निर्देश के अनुपालन में निजी क्षेत्र के मेडिकल/डेण्टल कालेजों द्वारा सिक्योरिटी/छात्रावास शुल्क के नाम पर छात्रों से मनमानी धनराशि की वसूली किये जाने की शिकायतें विविध स्रोतों से प्राप्त हो रही है, जो उ0प्र0 निजी व्यवसायिक शैक्षणिक संस्था (प्रवेश का विनियमन और फीस का नियतन) अधिनियम-2006 के विपरीत है। 

इसके अतिरिक्त विभिन्न स्रोतों से यह भी शिकायते प्राप्त हो रही है कि निजी क्षेत्र के मेडिकल, डेण्टल कालेजों द्वारा प्रतिवर्ष निर्धारित शैक्षणिक शुल्क व अन्य शुल्कों को वर्षवार लिये जाने के स्थान पर शैक्षणिक शुल्क व अन्य शुल्क की धनराशि अग्रिम के रूप में एक ही साथ छात्रों से जमा कराया जा रहा है, जिसके कारण सम्बंधित छात्रों व अभिभावकों पर एक ही साथ सम्पूर्ण धनराशि जमा कराये जाने का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। यह स्थिति उचित नहीं है।  

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