नयी दिल्ली, - देश की राजधानी दिल्ली का दिल कहा जाने वाला कनॉट प्लेस कोई कार्यालय खोलने के लिए दूनिया की नौंवी सबसे महंगी जगह है। संपत्ति सलाहकार कंपनी सीबीआरई के सर्वेक्षण के अनुसार यहां पर कार्यालयी जगह का वार्षिक किराया 144 डॉलर प्रति वर्गफुट तक है।
सीबीआरई वैश्विक स्तर पर कार्यालयों की किराया लागत की निगरानी करती है। वह हर साल 'ग्लोबल प्राइम ऑफिस ऑक्युपेंसी कॉस्ट' सर्वेक्षण करती है।
दिल्ली इस सर्वेक्षण में पिछले साल भी नौवें स्थान पर था।
हांगकांग का सेंट्रल डिस्ट्रिक लगातार दूसरे साल इस सर्वेक्षण में शीर्ष स्थान पर रहा है। यहां किसी कार्यालय के लिए एक साल का किराया 322 डॉलर प्रति वर्गफुट है।
रपट में कहा गया है, '' नयी दिल्ली के कनॉट प्लेस में कार्यालय खोलने की लागत 143.97 डॉलर प्रति वर्गफुट है। यह पिछले साल की तरह ही नौंवे स्थान पर है।''
मुंबई का बांद्रा कुर्ला परिसर और नरीमन पॉइंट इस सूची में क्रमश: 27वें और 40वें स्थान पर हैं। यहां पर किराये की लागत क्रमश: 90.67 डॉलर प्रति वर्गफुट और 68.38 डॉलर प्रति वर्गफुट वार्षिक है। ब्रांदा कुर्ला परिसर पिछले साल इस सूची में 26वें स्थान पर था।
सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, पश्चिमी एशिया और अफ्रीका) अंशुमन मैगजीन ने कहा कि कार्यालयी जगहों पर भारतीय बाजार के कई शहरों में बढ़िया निवेश जारी है। वैश्विक कंपनियां इन शहरों में अपने कार्यालय खोलने के लिए इन शहरों में निवेश करने के पक्ष में हैं।''
इस सूची में लंदन का वेस्ट एंड दूसरे स्थान पर, हांगकांग का कोलून तीसरे, न्यूयॉर्क का मिडटाउन मैनहैटन चौथे और बीजिंग का फाइनेंस स्ट्रीट पांचवे स्थान पर है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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