भ्रष्टाचार व गड़बड़ी की शिकायत पर अधिकारियों की होगी विजलेंस जांच-श्रीकान्त शर्मा
लखनऊ: - प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकांत शर्मा ने स्पष्ट संदेश दिया है कि विभाग में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों की होगी विजलेंस जांच। उन्होंने प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं चेयरमैन उ0प्र0 पावर कारपोरेशन को निर्देश दिये है कि जिनकी भी भ्रष्टाचार, विद्युत व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न करने की शिकायतें हों, उनके खिलाफ जांच करायें। विजिलेंस टीम को साथ लेकर इनकी सम्पत्ति की जांच कराये, जिससे इनकी 15 से 20 वर्ष की काली कमाई का पर्दाफाश हो सके। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में बेवजह बिजली कटौती की शिकायतें गंभीर मामला है। प्रदेश को तय रोस्टर के अनुरूप ही विद्युत आपूर्ति की जानी चाहिए, इसमें कटौती बर्दाश्त नहीं। किसी कारणवश विद्युत आपूर्ति बाधित हो रही है, तो इसकी जानकारी जनता, मीडिया तथा जनप्रतिनिधियों को जरूर दें। उन्होंने कहा कि जानबूझकर विद्युत आपूर्ति में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
ऊर्जा मंत्री आज यहां शक्ति भवन में विद्युत आपूर्ति, बिलिंग, बिजली चोरी, नवनिर्मित विद्युत गृहों, ट्रांसमिशन व पारेषण आदि की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे, तहसील/ब्लाक मुख्यालय को 20 घंटे, जिला मुख्यालयों व महानगरों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करा रही है। इसी प्रकार, ट्रांसफार्रमर बदलने की शहरों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घंटे का समय तय किया गया है। लेकिन प्रदेश भर से इसका अनुपालन न होने की शिकायतें मिल रही हैं। इसके लिए अधिकारी उपकेन्द्रों में जाकर अपने अधीनस्थों की कार्यप्रणाली की नियमित माॅनीटरिंग करें तथा औचक निरीक्षण भी करें। अब टीजी-2, लाइन मैन व अवर अभियन्ता की मनमानी नहीं चलेगी। सभी विद्युत केन्द्रों के शटडाउन, ट्रिपिंग व विद्युत भार, ट्रांसर्फामर फुंकने की नियमित माॅनीटरिंग की जाय तथा पेट्रोलिंग भी ठीक से हो। उन्होंने कहा कि 15 जुलाई से पहले लोगों की सभी शिकायतें दूर कर जनता के हित में कार्य करें। अधिकारियों की बिजली आपूर्ति में बाधा बने आंधी-तुफान, पेड़ गिरने की बात पर उन्होंने कहा कि आंधी-तूफान आने पर नये पोल के गिरने, ट्रांसर्फारमर फंुकने, लाइन टूटने आदि की जांच की जाय तथा गुणवत्ता को लेकर संबंधित कम्पनी पर कार्रवाई भी की जाय। उन्होंने कहा कि जनता की अपेक्षाओं में खरे उतरने के लिए विद्युत व्यवस्था को व्यवस्थित बनाये रखें। बुन्देलखण्ड पर विशेष ध्यान दें। शिकायत मिलने पर उन्होंने हरदोई जनपद के स्टोर की विशेष आडिट करने के साथ अवैध कनेक्शन, निजी ट्युवेल, ट्रांसर्फामर की स्थिति आदि की जांच के निर्देश दिये। कार्यों में लापरवाही पर चीफ बरेली को भी चेतावनी दी गयी। उन्होंने सभी महानगरों में ऊर्जा मित्रों के कार्यों की जांच के भी निर्देश दिये। उन्होंने महानगरों में ट्रांसफार्मरों की मीटरिंग अनिवार्य किये जाने और इसके बर्निंग रेट को कम करने के लिए केस्को माॅडल को अपनाने के निर्देश दिये। केस्को में बर्निंग रेट महज 0.43 फीसदी ही है। उन्होंने प्रयागराज से आ रही शिकायतों का समय पर समाधान न होने पर एसडीओ एवं अधिशासी अभियंता पर कार्रवाई के निर्देश दिये। ज्यादा ट्रांसर्फामर फंुकने पर प्रयागराज के उपखण्ड अधिकारियों के खिलाफ चेतावनी जारी करने व प्रतिकूल प्रविष्टि भी देने तथा लापरवाही के आरोप में एई वर्कशाॅप के खिलाफ भी कार्यवाही के निर्देश दिये। ट्रांसफार्मर की बैलेंसिंग में लापरवाही पर चीफ प्रयागराज को चेतावनी। स्टोर्स की सामग्री की जांच के बाद ब्लैकलिस्ट कम्पनियों के समान जांचने वाले 40 अभियन्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश। जिसमें पश्चिमांचल के 15, दक्षिणांचल के 12, पूर्वांचल के 9 और मध्यांचल के 4 इंजीनियर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अब यारी दोस्ती नहीं चलेगी।
ऊर्जा मंत्री ने निर्देशित किया है कि नोडल अधिकारी द्वारा पूरे जिले के उपकेन्द्रों का निरीक्षण किया जाय। तत्पश्चात अधीक्षण अभियन्ता, मुख्य अभियन्ता तथा डिस्काम के प्रबंधक निदेशक द्वारा औचक निरीक्षण किया जाय। केन्द्रों पर खामियां पायें जाने की रिपोर्ट मुख्यालय को भी भेजी जाय, जिससे लापरवाह अधिकारियों/कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। उन्होंने किसानों के निजी नलकूपों के समय से उर्जीकृत करने तथा 15 जुलाई तक कृषि फीडर को चालू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 22500 मेगावाॅट के आसपास विद्युत लोड रहा। वर्ष 2019-20 के लिए 24500 मेगावाॅट विद्युत मांग को पूरा करने के लिए प्रस्तावित उपकेन्द्रों को शीघ्र पूरा किया जाय। उन्होंने कहा कि इसका भी विशेष ख्याल रखा जाय कि उर्जीकृत होने वाले उपकेन्द्रों से अंतिम उपभोक्ता भी लाभान्वित हो रहा है।
ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ता हित में निर्देशित किया कि सभी बिलिंग एजेंसियां हर महीने प्रत्येक उपभोक्ता को समय पर सही बिल दें। उपकेन्द्रों पर ही मीटर संबंधी शिकायतों का निस्तारण कर लें, इसके लिए उपखण्ड अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाय। उन्होंने कहा कि मीटर रीडिंग पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। शहरों में मीटर रीडिंग की स्थिति बहुत खराब है। प्रदेश के 2.50 करोड़ उपभोक्ताओं के बिलिंग को देखते हुए इस कार्य को कार्ययोजना बनाकर पूरा करें। उन्होंने 5 किलोवाॅट तक भार वाले उपभोक्ताओं द्वारा दो माह तक अपना बिजली बिल न जमा करने पर कनेक्शन काटने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी नगर निगमों के साथ-साथ प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों एवं आवासों में भी अगले तीन माह के भीतर प्राथमिकता पर स्मार्ट मीटर लगाये जायं। उन्होंने निर्देेशित किया कि बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ एफआईआर करने के लिए साक्ष्य के रूप में बिजली चोरी का विडियो भी साथ रखें। उन्होंने कहा कि फैक्टरियों, कोल्ड स्टोरेज, होटलों, रेस्टोरेन्ट, गेस्टहाउस में बिजली चोरी रोकने के लिए इनका वास्तविक लोड भी निकालें। उन्होंने निर्देशित किया कि विभाग के आउटसोर्स/संविदा कर्मियों के पोर्टल पर इनसे संबंधित जानकारी को समय से अपलोड करें तथा प्रत्येक महीने इनके पैसों का भुगतान हो। ठेकेदार गड़बड़ी न करने पायें, इसके लिए कान्ट्रैक्टर की भी जवाबदेही तय की जाय।
प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं चेयरमैन उ0प्र0 पावर कारपोरेशन ने कहा कि शहरी बिलिंग संतोषजनक नहीं है, स्थित बहुत खराब है। अब कार्मिकों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि 95 प्रतिशत से कम बिलिंग मंजूर नहीं। भारत सरकार के निर्देश पर अगस्त माह से शहरी क्षेत्रों में बिलिंग मानक के अनुरूप न होने पर बिजली कटौती होनी तय है, जिसकी जिम्दारी व जवाबदेही अधिकारियों की होगी। उन्होंने बिजली आपूर्ति न होने की जानकारी को प्रेस को बताने के निर्देश दिये। साथ ही सोशल मीडिया पर भी इसको भेजें। उन्होंने महीनों लम्बित शिकायतों का निस्तारण न होने तथा गोरखपुर में ट्रांसमिशन फेलर की शिकायत का एक हफ्ते तक संज्ञान न लेने पर नारजगी व्यक्त की। बैठक में प्रबंध निदेशक उ0प्र0 पावर कारपोरेशन श्रीमती अपर्णा यू0 के साथ मुख्यालय व सभी डिस्काम के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
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