बजट में राजकोषीय मजबूती पर जोर, अमीरों की जेब होंगी ढीली, पेट्रोल-डीजल होगा महंगा


नयी दिल्ली, - भारी बहुमत से दूसरी बार सत्ता में आई मोदी सरकार ने अपने पहले बजट में राजकोषीय मजबूती पर जोर देते हुए जहां एक तरफ पेट्रोल, डीजल पर कर बढ़ाया वहीं अमीरों पर अधिभार में वृद्धि की है। इसके साथ सीसीटीवी कैमरा, वाहन कलपुर्जे, आप्टिकल फाइबर सहित दर्जनों सामानों पर सीमा शुल्क बढ़ाने के साथ आर्थिक गतिविधियों को गति देने के वास्ते अतिरिक्त संसाधन जुटाने का प्रसताव किया है। 

देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में 2019- 20 का बजट पेश करते हुए 2024-25 तक 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था के लिये रूपरेखा पेश करने के साथ सभी को बिजली, गैस कनेक्शन के साथ पक्का मकान और पेय जल उपलब्ध कराने की घोषणा की है। 

इससे पहले पिछली सरकार ने फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था।

इस बजट में अर्थव्यवस्था को गति देने तथा मध्यम वर्ग को राहत देने के लिये आवास क्षेत्र में बैंक रिण पर ब्याज में दी जाने वाली कर राहत को बढ़ाया गया है। कंपनियों की कर घटाने की मांग पर ध्यान देते हुये 400 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों के लिये कर की दर 30 से घटाकर 25 प्रतिशत कर दी गई। वहीं स्टार्ट अप के लिये कर नियमों को सरल बनाते हुये कई घोषणायें की गई हैं। 

बजट में आम वेतन भोगी तबके के लिये कर-स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अंतरिम बजट में पांच लाख रुपये तक की कर-योग्य आय पर दी गई आयकर छूट को बरकरार रखा है। इसके अलावा दो करोड़ से पांच करोड रुपये की कर योग्य कमाई पर 25 प्रतिशत और पांच करोड़ रुपये से अधिक की सालाना आय वालों पर 37 प्रतिशत की दर से कर अधिभार लगा दिया गया है। इससे सरकार को 12 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। 

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा, ''जो आयकर की सबसे ऊंची श्रेणी में आते हैं उन्हें राष्ट्र के विकास में अधिक योगदान करना चाहिये।'' 

नकद लेनदेन को हतोत्साहित करने के लिये बैंक खाते से सालभर में एक करोड रुपये से अधिक की नकद निकासी करने पर दो प्रतिशत की दर से स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) काटा जायेगा। कर अनुपालन बढ़ाने की दिशा में अनिवार्य कर रिटर्न भरने की दिशा में भी कदम उठाया गया है। वहीं दूसरी तरफ कुछ डिजिटल तौर तरीकों से भुगतान पर शुल्क और एमडीआर को समाप्त करने की घोषणा की गई है। कारोबारियों के लिये इन तरीकों से डि₨जिटल भुगतान अनिवार्य बनाया गया है। 

राजकोषीय घाटा कम करने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में हिस्सेदारी बेचने और रिजर्व बैंक, सरकारी बैंकों और सार्वजनिक उपक्रमों से अधिक लाभांश लेने पर जोर दिया गया है। राजकोष की स्थिति को मजबूत बनाने के लिये पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क और उपकर में कुल मिलाकर दो रुपये प्रति लीटर वृद्धि की गई है। इससे सरकारी खजाने में 28,000 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। सोने पर आयात शुल्क बढ़ाने के साथ ही सीसीटीवी कैमरा, वीडियो रिकार्डर, आप्टिकल फाइबर, केबल, काजू गिरी सहित दर्जनों वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ाया गया है। इस शुल्क वृद्धि से 25,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान है।

वित्त मंत्री ने मोदी सरकार की चुनाव घोषणाओं को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुये 2022 तक सभी को बिजली, गैस कनेक्शन के रूप में स्वच्छ ऊर्जा और आवास उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इसके साथ ही 2024 तक हर घर तक नल से पानी पहुंचाने के काम को भी अमली जामा पहनाने की दिशा में कदम बढ़ाया जायेगा। अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका को तरजीह देते हुये उन्हें कई तरह की वित्तीय सुविधायें देने की घोषणा बजट में की गई है। 





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