लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विधायी एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद व अच्छे संस्कार भी जरूरी हैंै, ताकि उनके भविष्य में और भी निखार आ सके। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और वे राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनें इसके लिए उनका समग्र विकास आवश्यक है।
पाठक यहां विराजखण्ड गोमतीनगर स्थित सैनफोर्ट स्कूल का उद्घाटन करते हुए कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण व व्यवसायपरक शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अच्छे संस्कार से बच्चे अनुशासित होते हैं बिना अनुशासन के कोई भी जीवन में आगे नहीं बढ़ सकता है। समग्र राष्ट्र निर्माण के लिए जीवन में अनुशासन आवश्यक है बच्चे अनुशासित बनेंगे तो वे भविष्य में आगे बढ़ेंगे और एक बेहतर समाज व राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देंगे। अनुशासित बच्चे ही देश का भविष्य होते हैं।
विधायी एवं न्याय मंत्री ने स्कूल के शिक्षकों से अपील की। शिक्षकों को बच्चों के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखकर इनकी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सैनफोर्ट स्कूल बेहतर शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी बच्चांे की रूचि जागृत करता है ताकि पढ़ाई के साथ-साथ वे खेलकूद में भी आगे बढ़े और अपने परिवार के साथ देश व प्रदेश का मान बढ़ायें।
इस अवसर पर श्री अरविन्द गिरि, श्री अरविन्द त्रिपाठी, प्रो0 बी0के0 गोस्वामी लखनऊ विश्वविद्यालय, श्री जितेन्द्र गिरी निदेशक सैनफोर्ट स्कूल, श्रीमती माया गोस्वामी प्रबंध निदेशक सैनफोर्ट स्कूल एवं गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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