लखनऊः -अल्पसंख्यक कार्यमंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित अल्पसंख्यक वर्ग (मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन एवं पारसी) के छात्र/छात्राओं हेतु सभी छात्रवृत्ति योजना प्री-मैट्रिक (कक्षा 01 से 10), पोस्ट मैट्रिक (कक्षा 11 से पी0एच0डी0) एवं मेरिट-कम-मीन्स (व्यावसायिक एवं टेक्निकल कोर्स) में आवेदन करने हेतु समय-सारिणी जारी कर दी गयी है। इसके अनुसार प्री-मैट्रिक हेतु 15 अक्टूबर 2019, तथा पोस्ट मैट्रिक एवं मेरिट-कम-मीन्स हेतु 31 अक्टूबर 2019, तक आॅनलाइन आवेदन की तिथि निर्धारित कर दी गयी है।
उल्लेखनीय है कि मदरसों अथवा किसी भी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत अल्पसंख्यक वर्ग के ऐसे छात्र/छात्राएं ही आवेदन कर सकते हैं, जिनके अभिभावक की वार्षिक आय प्री-मैट्रिक एक लाख रूपये, पोस्ट मैट्रिक दो लाख रूपये एवं मेरिट-कम-मीन्स 2.50 लाख रूपये से अधिक न हो तथा पिछली कक्षा में 50 प्रतिशत से अधिक अंक के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की हो। योजना के सम्बन्ध में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति की वेबसाइट ीजजचरूेबीवसंतेीपचेण्हवअण्पद पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध है। छात्र/छात्राओं को निर्धारित समयावधि में आवेदन करते हुए समस्त औपचारिकताओं को पूर्ण करना अनिवार्य है। आवेदन हेतु केवल तहसील द्वारा जारी आय प्रमाण-पत्र ही मान्य होगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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