लखनऊ - समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का 46वां जन्मदिवस आज लखनऊ में पार्टी मुख्यालय सहित प्रदेश के अन्य जनपदों में भी सादगी से मनाया गया और उनके दीर्घायु होने तथा जीवन में सफलता की कामना की गई। इस अवसर पर अस्पतालों में मरीजों को फल वितरण, गरीबों को भोजन-वस्त्र बांटने तथा वृक्षारोपण के कार्यक्रम भी हुए।
समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में श्री अखिलेश यादव के जन्मदिन पर केक काटा गया। हिन्दी संस्थान के पूर्व अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने अपनी तीन समसामयिक कविताओं का पाठ किया। इस अवसर पर अहमद हसन, नेताप्रतिपक्ष विधान परिषद, पूर्वमंत्री राजेन्द्र चौधरी एवं अरविन्द सिंह गोप, अवधेश प्रसाद सदस्य विधान परिषद एसआरएस यादव, अरविन्द कुमार सिंह, उदयवीर सिंह, डाॅ0 राजपाल कश्यप एवं श्री जगजीवन प्रसाद की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। बलिया में रामगोविन्द चौधरी के साथ कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव के जन्मदिन पर उनके स्वास्थ्य एवं दीर्घायु होने की कामना की।
इस अवसर पर अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार के कार्यकाल में जनहित की योजनाएं लागू करने के लिए सराहना की गई। वक्ताओं ने कहा कि किसानों, गरीबों, के हितों के लिए समाजवादी आंदोलन की अगुवाई करने में श्री अखिलेश यादव पर ही भरोसा है। उनकी शालीनता की सभी प्रशंसा करते है। लोकतंत्र, सामाजिक सद्भाव तथा समाजवादी व्यवस्था को सशक्त बनाने की लड़ाई के लिए समाजवादी पार्टी संकल्पित है।
वक्ताओं ने कहा कि देश में विभाजनकारी नीतियों के चलते तमाम आशंकाए हैं। सामाजिक न्याय से महापरिवर्तन के लक्ष्य की प्राप्ति तक संघर्ष जारी रहेगा। इस बड़ी लड़ाई को निर्णायक अंजाम तक पहुंचाने के अभियान में जनभागीदारी आवश्यक है। अखिलेश यादव का भरोसा जनता पर अटूट है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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