मुंबई, - शिवसेना पार्षद और मुंबई के पूर्व महापौर मिलिंद वैद्य यहां मुर्गे लेकर जा रहे ट्रक चालकों से मारपीट करते हुए कैमरे में कैद हो गए। किसी जनप्रतिनिधि द्वारा दुर्व्यवहार की यह ताजा घटना है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो क्लिप में वैद्य माहिम इलाके में मुर्गे से भरे ट्रक चालकों को कथित तौर पर थप्पड़ मारते और उन से गाली गलौच करते हुए दिखाई दे रहे हैं। शुक्रवार को आई पांच मिनट की वीडियो में शिवसेना पार्षद यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि मुर्गे को लेकर जाने वाले ट्रकों की अवैध पार्किंग की वजह से स्थानीय लोग दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
वैद्य ने कहा कि उन्होंने शिवसेना शासित बृहन्मुंबई महानगरपालिका में ट्रक पार्किंग का मुद्दा कई बार उठाया लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। वह क्लिप में कहते हुए सुनाई दिए, ''लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई इसलिए इलाके का पार्षद होने के नाते मैंने कानून को अपने हाथों में लिया और इन लोगों को यहां से हटाया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह घटना कब हुई। वैद्य की वीडियो से एक दिन पहले कांग्रेस विधायक नितेश राणे और उनके 16 समर्थकों को मुंबई-गोवा राजमार्ग की खराब हालत को लेकर महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में एक डिप्टी इंजीनियर पर कीचड़ भरी बाल्टियां उड़ेलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वहीं, 26 जून को भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को इंदौर में एक लोक अधिकारी को क्रिकेट बैट से मारते हुए कैमरे में कैद किया गया। उन्होंने मध्य प्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी में एक जर्जर इमारत को ढहाने को लेकर अधिकारी से मारपीट की। वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया और जमानत मिलने से पहले उन्होंने चार दिन जेल में बिताए।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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