लखनऊ: प्रदेश सरकार ने श्रम विभाग में कर्मचारी राज्य बीमा योजना श्रम चिकित्सा सेवाओं के अन्तर्गत औषधालयों में रिक्त 05 आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों के पदों को संविदा के आधार पर भर्ती के लिए की जा रही चयन प्रक्रिया को योग्य अभ्यर्थी न मिलने से निरस्त कर दिया है। निदेशक, कर्मचारी राज्य बीमा योजना, श्रम चिकित्सा सेवाएं श्री प्रेम प्रकाश पाल ने यह जानकारी दी।
निदेशक श्री प्रेम प्रकाश पाल ने बताया कि कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अन्तर्गत एलोपैथिक/आयुर्वेदिक/होम्योपैथ चिकित्साधिकारी व विशेषज्ञ एवं पैरामेडिकल संवर्ग के रिक्त पदों को संविदा के आधार पर भरने के लिए शासन ने प्रदेश के मोदीनगर, सहारनपुर, अलीगढ़, पिपरी एवं सरोजनीनगर स्थित चिकित्सालयों में रिक्त 05 आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों के पद को संविदा के आधार पर एक वर्ष की अवधि के लिए पर नियुक्ति की अनुमति दी थी। उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर 2018 को इच्छुक अभ्यर्थियों से इन पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन पत्र मांगे गये थे। रिक्त पदों के सापेक्ष पर्याप्त अभ्यर्थी उपलब्ध न हो पाने के कारण तथा आवेदन पत्र भरने वाले इन अभ्यर्थियों के पास 06 माह का अनुभव प्रमाण पत्र न होने के कारण इनका अभ्यर्थन निरस्त कर दिया गया। कर्मचारी राज्य बीमा श्रम चिकित्सा आयुर्वेदिक सेवा नियमावली-1999 के तहत अनिवार्य अर्हता के रूप में राज्य के आयुर्वेदिक या एलोपैथिक चिकित्सालय व औषधालय का कम से कम 06 मास का कार्य करने का अनुभव प्रमाण पत्र अनिवार्य अर्हता के रूप में जरूरी है।
उन्होंने बताया कि चयन प्रक्रिया के दौरान अभ्यर्थियों के पास जरूरी अनुभव प्रमाण पत्र न होने से आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों के चयन में कठिनाई का सामना करना पड़ा और भविष्य में भी ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े। इस दृष्टि से नियमावली में आवश्यक संशोधन करने का अनुरोध शासन से किया गया है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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