राजभवन के गांधी सभागार में आज आयोजित समारोह में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर ने श्रीमती आनंदीबेन पटेल को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ दिलाई। शपथ समारोह का संचालन मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश डाॅ0 अनूप चंद्र पाण्डेय ने किया और माननीय राष्ट्रपति भारत सरकार के पत्र को पढ़ा।
राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में माननीय राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह का अनुसरण करते हुये वर्तमान राज्यपाल श्री राम नाईक मनोनीत राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल सहित मंच पर आये तथा शपथ ग्रहण की कार्यवाही प्रारम्भ कराई। शपथ ग्रहण के पश्चात् श्री नाईक ने राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल को राज्यपाल की कुर्सी पर आसीन कराया। शपथ लेने के बाद राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने राजभवन के लाॅन में सेना द्वारा दिये गये 'गार्ड आफ आनर' का निरीक्षण किया। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल को श्री नाईक ने राज्यपाल का कार्यालय कक्ष दिखाया तथा उन्हें अपनी पुस्तक 'चरैवेति!चरैवेति!!' की प्रतियाँ भी भेंट की।
इस अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन के परिजन एवं अतिथि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित मंत्रिण्डल के सदस्यगण, न्यायिक अधिकारी, वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस एवं सेना के अधिकारीगण, कुलपतिगण, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष एवं पत्रकारगण भी उपस्थित थे।
इससे पूर्व आज लखनऊ पहुंचने पर श्रीमती आनंदीबेन पटेल का हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री द्वय श्री केशव प्रसाद मौर्य एवं डाॅ0 दिनेश शर्मा, विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित, मंत्रिमण्डल के सदस्यगण, मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, पुलिस महानिदेशक श्री ओ0पी0 सिंह सहित अन्य विशिष्टजन ने स्वागत किया तथा पी0ए0सी0 द्वारा उन्हें 'गार्ड आफ आनर' दिया गया। राजभवन पहुंचने पर राज्यपाल श्री राम नाईक और राजभवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मनोनीत राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल का स्वागत किया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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