सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

6 राज्यों के गवर्नर बदले गए, यूपी में राम नाईक की जगह आनंदीबेन पटेल


नई दिल्ली - केंद्र सरकार की सहमति से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 6 राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति की है. इसमें सबसे बड़ा नाम आनंदीबेन पटेल का है जो अब मध्य प्रदेश नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल होंगी. इससे पहले राम नाईक यूपी के राज्यपाल पद पर थे. गौरतलब है कि गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल 19 जनवरी 2018 को मध्य प्रदेश की राज्यपाल बनाई गईं थीं. तब उन्होंने ओम प्रकाश कोहली की जगह ली थी.


वहीं, लाल जी टंडन को मध्य प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है. इधर, बिहार के राज्यपाल के रूप में फागू चौहान लाल जी टंडन की जगह लेंगे. जगदीप धनखर को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल और रमेश बैस को त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया है. इनके अलावा आरएन रवि को नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.


कहां-कहां हुआ बदलाव?


> मध्य प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन पटेल को उत्तर प्रदेश का गवर्नर बनाया गया है.


> पश्चिम बंगाल में केसरीनाथ त्रिपाठी को हटाकर जगदीप धनखड़ को राज्यपाल बनाया गया.


> पूर्व भाजपा सांसद रमेश बैस को त्रिपुरा का गवर्नर बनाया गया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में उनका टिकट कट गया था        जिसके बाद भी उन्होंने पार्टी के लिए प्रचार किया था.


> बिहार के गवर्नर लाल जी टंडन को मध्य प्रदेश का गवर्नर बनाया गया है.


 वहीं, फागू चौहान को बिहार का गवर्नर बनाया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री फागू चौहान को फरवरी 2019 में उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का चेयरमैन बनाया गया था.


> आरएन रवि को नगालैंड का गवर्नर बनाया गया है. इससे पहले आरएन रवि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के उप सुरक्षा सलाहकार चुना गया था. रवि 1976 बैच के आईपीएस हैं.


गौरतलब है कि 19 जनवरी 2018 को गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश की राज्यपाल बनाई गई थीं. तब आंनदीबेन पटेल ने ओम प्रकाश कोहली की जगह ली थी.


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...