लखनऊः - अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून 2019 को होने वाले योगाभ्यास कार्यक्रम की पाश्र्वभूमि में आज राजभवन में पूर्वाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में योग साधकों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर राज्यपाल श्री राम नाईक ने योग पूर्वाभ्यास कार्यक्रम में पहुंचकर तैयारियों का निरीक्षण किया तथा स्वयं भी योग किया। इस अवसर पर सचिव आयुष विभाग श्रीमती नीना शर्मा, विशेष सचिव श्री आ0एन0 बाजपेयी एवं श्री आलोक यादव, निदेशक आयुर्वेद एवं कार्यक्रम के संयोजक प्रो0 एस0एन0 सिंह, कार्यक्रम प्रभारी डाॅ0 शिव शंकर त्रिपाठी सहित आयुष विभाग के अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि पांचवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयुष विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा राज्य स्तर पर योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन राजभवन में 21 जून 2019 को प्रातः 6.00 बजे से किया जा रहा है। इस अवसर पर राज्यपाल श्री राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित मंत्रिमण्डल के सदस्यगण, प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारिगण, विभिन्न संस्थाओं के योग साधको, विद्यालयी बच्चों, स्वयं सेवी संगठनों द्वारा सामूहिक योगाभ्यास किया जायेगा।
ज्ञातव्य हो कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से 11 दिसम्बर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' घोषित किया था। विश्व के लगभग 200 देशों में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योगाभ्यास कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
योगाभ्यास कार्यक्रम प्रभारी डाॅ0 शिव शंकर त्रिपाठी ने बताया कि राजभवन लाॅन में होने वाले सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में वही योग साधक प्रतिभाग कर सकेंगे जिनको आयुष विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा आमंत्रण पत्र निर्गत किये गये हैं। डाॅ0 त्रिपाठी ने बताया कि इस मुख्य योगाभ्यास कार्यक्रम के अतिरिक्त जनपद लखनऊ के विभिन्न पार्कों में सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम भव्यता से आयोजित किये जा रहे हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी की आयुष विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा 15 जून से 30 जून 2019 तक की अवधि को योग पखवारे के रूप में मनाया जा रहा है जिसमें योगाभ्यास के साथ-साथ कार्यशाला, गोष्ठियाँ, भाषण प्रतियोगिताओं आदि का आयोजन किया जायेगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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