नयी दिल्ली, - लगातार दूसरी बार भाजपा की टिकट पर लोकसभा सदस्य चुने गये ओम बिड़ला लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रत्याशी होंगे।
लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने मंगलवार को बताया इस पद के लिये बिड़ला की ओर से उनकी दावेदारी का नोटिस मिल गया है। बिड़ला ने निर्धारित समय दोपहर 12 बजे से पहले अपनी दावेदारी का नोटिस पटल कार्यालय को सौंप दिया।
नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बिड़ला (आयु 57 वर्ष) का लोकसभा अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है क्योंकि सत्तासीन राजग के पास निचले सदन में स्पष्ट बहुमत है।
इस बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि बिड़ला के नाम के प्रस्तावकों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा बीजद और राजग के घटक दलों शिवसेना, अकाली दल तथा लोजपा सहित अन्य दलों के सदस्य शामिल हैं।
लोकसभा पटल कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि बिड़ला के नाम के प्रस्तावकों के नोटिस शाम चार बजे तक स्वीकार किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष पद के लिये बिड़ला के अलावा अभी किसी अन्य सदस्य की ओर से दावेदारी का नोटिस नहीं मिला है।
बिड़ला राजस्थान की कोटा-बूंदी संसदीय सीट से भाजपा सांसद के रूप में चुने गये हैं। वह तीन बार विधायक भी रहे हैं। उल्लेखनीय है कि लोकसभा अध्यक्ष पद के लिये बुधवार को चुनाव होगा।
जोशी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं को बताया, ''हमने बिड़ला की उम्मीदवारी के बारे में कांग्रेस सदस्यों से बात की थी। मैं गुलाम नबी आजाद से भी मिला था। प्रस्तावकों की सूची में कांग्रेस की ओर से अभी तक किसी सदस्य ने हस्ताक्षर नहीं किये हालांकि उन्होंने विरोध भी नहीं किया।'' विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए अभी तक किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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