आजम खां के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका में जब अमर सिंह बने जया प्रदा के वकील



लखनऊ, ।इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने फिल्म अभिनेत्री तथा पूर्व सांसद जया प्रदा की उस याचिका दी गई जिसमे रामपुर लोकसभा से आजम खां के चुनाव को चुनौती दी गई थी। याचिका जया प्रदा ने दायर की थी और उनके वकील के तौर पर अमर सिंह कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने तर्क दिए। 


  वकील अशोक पांडेय ने बताया कि अमर सिंह ने याचिका पर दस्तखत करने के साथ ही वकालतनामा भी दाखिल किया है। अमर सिंह ने वर्ष 1984 में अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था और वो पहली बार बतौर वकील कोर्ट में पेश हुए। 


लाभ के दो पद पर होने का आरोप


वकील अशोक पांडेय के माध्यम से दाखिल याचिका में जया प्रदा ने कोर्ट से गुजारिश की, आजम खां से यह पूछा जाए कि मौलाना जौहर अली यूनिवर्सिटी के कुलपति होने के नाते वह जब लाभ के दूसरे पद के लिए अयोग्य हैं, तब किस कानूनी अधिकार से संसद सदस्य का पदभार संभाले हुए हैं। इसके साथ ही याचिका में दलील दी गई है कि यह तय नियम है कि लाभ के दो पदों पर एक ही व्यक्ति नहीं रह सकता। लिहाजा आजम खां का निर्वाचन रद कर याचिकाकर्ता को रामपुर लोकसभा सीट का सांसद घोषित किया जाए।


लखनऊ खंडपीठ ने खारिज की जया प्रदा की याचिका, कहा-मामला अधिकार क्षेत्र से बाहर का


इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने फिल्म अभिनेत्री तथा पूर्व सांसद जया प्रदा की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें रामपुर लोकसभा से आजम खां के चुनाव को चुनौती दी गई थी। याचिका जया प्रदा ने दायर की थी और तर्क उनके वकील अमर सिंह ने दिया था। 


याचिका पर न्यायमूर्ति राजन रॉय और एन के जौहरी ने सुनवाई की। कोर्ट ने जया प्रदा की याचिका को न्यायिक क्षेत्राधिकार के आधार पर खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि रामपुर इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में है। इस कारण याचिका की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई नहीं हो सकती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि रिट याचिका खुद कायम नहीं है और ऐसी परिस्थितियों में केवल चुनाव याचिका ही स्थानांतरित की जा सकती है। 


जया प्रदा के वकील राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने कहा कि अब हम इलाहाबाद हाई कोर्ट प्रयागराज में आजम खां के निर्वाचन को चुनौती देंगे। कोर्ट ने क्षेत्र के आधार पर आज याचिका खारिज की है।



 


 


 


 


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