चेन्नई, - द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष एम के स्टाालिन ने मंगलवार को कहा लोकसभा चुनाव के पश्चात गैर-भाजपाई और गैर-कांग्रेस वाले 'तीसरे मोर्चा' के लिए कोई अवसर नहीं है पर इस संबंध में कोई निर्णय 23 मई को होने वाली मतगणना के बाद ही किया जा सकेगा।
द्रमुक प्रमुख की यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जबकि तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख एवं मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की उनसे एक दिन पहले ही मुलाकात हुई है।
राव का यही प्रयास रहा है कि एक गैर कांग्रेसी एवं गैर भाजपाई मोर्चो का गठन हो और जिसमें क्षेत्रीय दलों की भागीदारी हो।
तमिलनाडु में विपक्षी दल के नेता स्टालिन ने कहा कि राव ने राज्य का दौरा किसी गठबंधन बनाने को ध्यान में रखकर नहीं किया।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ''वह यहां गठबंधन पर बातचीत करने नहीं आये थे। वह तमिलनाडु के विभिन्न मंदिरो में पूजा अर्चना के उद्देश्य से यहां पहुंचे थे और इसी क्रम में औपचारिक भेंट करने के लिए उन्होंने समय मांगा।''
राव, स्टालिन से मुलाकात से पूर्व श्रीरंगम में श्री रंगनाथ मंदिर गए।
स्टालिन से जब यह प्रश्न पूछा गया कि भाजपा एवं कांग्रेस के बिना क्या किसी तीसरे मोर्चो की संभावना है तो द्रमुक नेता ने कहा, ''ऐसा मुझे नहीं लगता कि इसका कोई अवसर है। हालांकि, इस पर निर्णय केवल मतगणना के पश्चात 23 मई को होगा।''
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ