ऋषिकेश, -) एम्स ऋषिकेश से निष्कासित एक जूनियर रेजिडेंट ने निदेशक रविकांत पर उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। हालांकि, निदेशक ने इसे उनकी प्रतिष्ठा खराब करने का प्रयास बताया है ।
निदेशक रविकांत ने कहा कि संस्थान की विशाखा समिति को उनके खिलाफ लगाये गये यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच सौंप दी गयी है।
उन्होंने कहा कि ये आरोप महिला द्वारा उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने तथा पिछले साल नवंबर में उसे संस्थान से निकाले जाने का बदला लेने के लिये लगाये गये हैं ।
संस्थान के सीनियर रेजिडेंट शलभ अहलावत (हड्डी रोग विभाग) की पत्नी द्वारा निदेशक रविकांत से शिकायत की गयी थी कि जूनियर रेजिडेंट (दन्त विभाग) का उसके पति से नाजायज अफेयर चल रहा है ।
रविकांत ने कहा कि इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एम्स की प्रतिष्ठा को बचाने के लिये अहलावत और जूनियर रेजिडेंट दोनों को संस्थान से निकाल दिया गया था।
निदेशक ने कहा कि जूनियर रेजिडेंट के निष्कासन के बाद उसे वापस लिये जाने के लिये कई राजनीतिक दिग्गजों के फोन आये लेकिन वह किसी दवाब के आगे नहीं झुके ।
उन्होंने कहा, 'संस्थान में वापस लिये जाने की प्रार्थना करते हुए उसने मुझे एक ई—मेल भी भेजा । जब उसे वापस नहीं लिया गया तो उसने मुझ पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा दिया। यह एक आधारहीन आरोप है और विशाखा समिति मुझे इसमें क्लीन चिट दे देगी।'
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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