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राम मंदिर नहीं तो मोदी नहीं: कंप्यूटर बाबा


भोपाल, - भाजपा से रूठ कर कांग्रेस का समर्थन कर रहे कम्प्यूटर बाबा (52) ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा नीत केन्द्र सरकार पिछले पांच साल में अयोध्या में राम मंदिर नहीं बना पाई, इसलिए अब 'राम मंदिर नहीं तो मोदी नहीं'।

कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को भोपाल लोकसभा सीट से जिताने के लिए यहां धूनी जलाकर अनुष्ठान कर रहे कम्प्यूटर बाबा से जब सवाल किया गया कि इस चुनाव में आप किसके साथ हैं, तो इस पर उन्होंने यहां मीडिया को बताया, ''धर्म के साथ साधु समाज है। बीजेपी सरकार ने अभी तक बेवकूफ ही बनाया है संत समाज एवं जनता जनार्दन को।'' 

उन्होंने कहा, ''ये (भाजपा वाले) झूठ बोलते हैं। इन्होंने राम मंदिर (निर्माण की बात) कही थी। पांच साल में राम मंदिर भी नहीं बना पाये और फिर (राम मंदिर निर्माण की बात) लेकर आ गये। अब जनता जनार्दन एवं संत समाज बेवकूफ नहीं बनेगी।'' 

कम्प्यूटर बाबा ने आगे कहा, ''अब राम मंदिर नहीं तो मोदी नहीं।'' 

उन्होंने बताया, ''पूरे साधु समाज का कहना है कि 'राम राम ही अबकी बार, बदल कर रख दो चौकीदार।'' 

दिग्विजय सिंह को जिताने के लिए अनुष्ठान करने पर पूछे गये सवाल पर कम्प्यूटर बाबा ने कहा, ''(आज) हमारा अनुष्ठान हो गया। तप-तपस्या हो गई। संतों ने अपने तरीके से अनुष्ठान किया, हठ योग किया, तप किया। अखाड़ा वाले संतों ने अखाड़ा खेल करके ईश्वर से प्रार्थना की कि धर्म से चलने वाला व्यक्ति, जो नर्मदा की सेवा करने वाला, संतों की सेवा करने वाला दिग्विजय सिंह हैं, वो लाखों वोट से विजयी हों।'' 

भोपाल लोकसभा सीट से दिग्विजय के खिलाफ भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रही साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, ''(भगवा) ड्रेस पहनने से कोई साधु नहीं हो जाता है। जो बम ब्लास्ट में फंसे, जो हत्याकांड में है और कोर्ट से जमानत से बाहर आये, क्या बीजेपी को कोई और नहीं मिला। अरे शिवराज सिंह चौहान लड़ लेते चुनाव। शिवराज क्यों नहीं लड़े? अरे बहुत सारे बड़े-बड़े नेता थे। उमा भारती ने मना किया। कोई तो लड़ना चाहता नहीं। मालूम है दिग्विजय सिंह धर्म से चलने वाला, नर्मदा के प्रति आस्था रखने वाला व्यक्ति है। वो जीतेगा, इसलिए ये सामने नहीं आये और बलि का बकरा देवीजी (प्रज्ञा) को बना दिया।'' 

भाजपा एवं प्रज्ञा पर निशाना साधते कम्प्यूटर बाबा ने कहा, ''हमारे साधु संत इसीलिए नाराज हैं बीजेपी से कि बीजेपी वालों ने उनको (प्रज्ञा) टिकट दिया है, जिन्होंने हमारी सैनिकों का सम्मान नहीं किया है। असम्मानित शब्दों का उपयोग किया है हमारे (शहीद पुलिस अधिकारी) हेमंत करकरे के लिए। वह साधु हो ही नहीं सकती।'' 

कम्प्यूटर बाबा के बचपन का नाम नामदेव त्यागी है। वह जनता में कम्प्यूटर बाबा के नाम से मशहूर हैं। उन्हें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था, लेकिन कम्प्यूटर बाबा ने प्रदेश में नर्मदा नदी में अवैध उत्खनन रोकने का वादा पूरा नहीं करने का आरोप चौहान पर लगाते हुए पिछले साल अक्टूबर में पद से इस्तीफा दे दिया था और कांग्रेस के समर्थन में पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में प्रचार किया।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें इस साल मार्च में नर्मदा, क्षिप्रा और मंदाकिनी नदी न्यास का अध्यक्ष नियुक्त किया है।


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