राज्यपाल ने रवीन्द्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि अर्पित की


लखनऊ बंगीय नागरिक समाज द्वारा गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की जयन्ती के अवसर पर डी0एम0 आवास के सामने स्थित रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रतिमा पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक, विशिष्ट अतिथि पूर्व राज्यपाल श्री सैय्यद सिब्ते रजी, मनकामेश्वर मंदिर के महन्त देव्या गिरी, श्री सुधीर हलवासिया, नवाब मीर अब्दुल्ला जाफर, कार्यक्रम के संयोजक श्री पी0 के0 दत्ता, स्कूली छात्र-छात्राएं एवं बंग समाज के विशिष्ट नागरिकजन उपस्थित थे। बंगीय समाज द्वारा इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले महानुभावों एवं छात्राओं को सम्मानित भी किया गया।

राज्यपाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ठाकुर रवीन्द्रनाथ टैगोर ऐसे महामानव थे, जिनका जीवन दूसरों के लिए प्रकाशपुंज है। रवीन्द्रनाथ बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। रवीन्द्रनाथ टैगोर अकेले ऐसे कवि हैं, जिनकी दो रचनाएं, एक 'जन-गण-मन' जो भारत का राष्ट्रगान बना तो दूसरी रचना 'आमार सोनार बंाग्ला' पड़ोसी देश बांग्लादेश का राष्ट्रगान है। वे देश के एकमात्र ऐसे साहित्यकार थे जिन्हें साहित्य के क्षेत्र में गीतांजलि के लिए 'नोबल पुरस्कार' मिला। उनकी विशेषताओं को देखते हुए अंग्रेजों ने उन्हेें 'सर' की उपाधि प्रदान की थी। 1919 में जलियांवाला बाग काण्ड से दुखी होकर उन्होंने ब्रिटिश प्रशासन को, सच्चे देशप्र्रेमी होने का प्रमाण देते हुए 'सर' उपाधि वापस कर दी थी। उन्होंने कहा कि हमें रवीन्द्रनाथ टैगोर के आदर्शों, विचारों एवं कृतियों से सबक लेकर देश एवं समाज के कल्याण में सहयोग करना चाहिए, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

श्री नाईक ने कहा कि आज का दिन विशेेष महत्व रखता है। संयोग से आज रवीन्द्रनाथ एवं परशुराम जयन्ती है तथा अक्षय तृतीया का दिन है। उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीया का उनके जीवन में विशेष महत्व है, क्योंकि उनका जन्म अंग्रेजी कैलेण्डर के हिसाब से 16 अप्रैल, 1934 को हुआ था और उसी दिन अक्षय तृतीया की तिथि भी थी। राज्यपाल ने कहा कि राज्यपाल का कार्यकाल 5 साल तक होता है और उनका कार्यकाल 22 जुलाई, 2019 को पूरा हो जायेगा। वे हर वर्ष रवीन्द्रनाथ टैगोर को अपनी आदरांजलि व्यक्त करने निरन्तर प्रतिमा पर आते रहें हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पुस्तक 'चरैवेति! चरैवेति!!' अब तक 10 भाषाओं में मराठी, हिन्दी, गुजराती, उर्दू, अंग्रेजी, संस्कृत, सिंधी, अरबी, फारसी एवं जर्मन में अनुवादित हो चुकी है। शीघ्र ही बांग्ला, असमिया और कश्मीरी भाषा में भी प्रकाशित होगी। उन्होंने बताया कि दृष्टिबाधित लोगों के लिए ब्रेल लिपि में शीघ्र आ रही है।

 राज्यपाल ने कहा कि देश में लोक सभा चुनाव का महापर्व चल रहा है। अब तक 5 चरणों के मतदान हो गये हैं तथा 2 चरणों के मतदान होने वाले हैं। संविधान ने 18 वर्ष व उससे अधिक के भारतीय नागरिकों को मतदान का अधिकार दिया है। निकट भविष्य में लोकसभा के चुनाव के लिए मतदान होगा। चुनाव को मतदाता की भागीदारी के बिना पूरा नहीं किया जा सकता। रक्तदान, धनदान जैसे अनेक दान समाज में प्रचलित हैं पर चुनाव के समय में मतदान सर्वश्रेष्ठ दान है। स्वयं भी मतदान करें और दूसरों को भी मतदान के लिए प्रेरित करें। मतदान सबसे बड़ा राष्ट्रधर्म है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मत का बहुत महत्व है।

राज्यपाल ने रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर आयोजकों द्वारा राज्यपाल को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र भेंट किया गया।

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