धनबाद (झारखंड), - कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने धनबाद लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार कीर्ति आजाद के समर्थन में मंगलवार को यहां रोड शो किया। पहली बार किसी राजनीतिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने धनबाद में रोड शो किया है।
राहुल की एक झलक पाने के लिए महिलाओं सहित हजारों की तादाद में लोग चिलचिलाती गर्मी में मटकुरिया चेक पोस्ट से लेकर बैंक मोड़ बिरसा मुंडा चौक के बीच के डेढ़ किलोमीटर के हिस्से में सड़क की दोनों तरफ खड़े रहे।
रोड शो दोपहर 3:50 बजे शुरू होने वाला था, लेकिन राहुल करीब एक घंटे की देरी से वहां पहुंचे। वह एक खुले वाहन में सवार थे और अपने हाथ हिला-हिलाकर लोगों का अभिवादन कर रहे थे। बदले में लोग नारों से उनका अभिनंदन कर रहे थे।
इस मौके पर राहुल के साथ कीर्ति आजाद और झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार भी मौजूद थे।
बहरहाल, समय की कमी के कारण राहुल बिरसा चौक पर लोगों को संबोधित नहीं कर सके।
आजाद महागठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच हुए सीट साझेदारी समझौते के मुताबिक धनबाद से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वह बिहार की दरभंगा सीट से मौजूदा सांसद हैं।
धनबाद जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र वर्मा ने बताया कि राहुल का रोड शो सफल रहा।
कांग्रेस कार्यकर्ता प्रशांत कुमार दुबे ने बताया कि राहुल के कार्यक्रम ने न केवल कांग्रेस के सभी गुटों के स्थानीय नेताओं को एकजुट किया, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का भी संचार किया है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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