शिमला, - कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा खराब मौसम की वजह से मंगलवार को यहां एक रैली में शामिल नहीं हो पाईं, लेकिन उन्होंने वीडियो क्लिप भेजकर मतदाताओं से पार्टी के मंडी से प्रत्याशी आश्रय शर्मा के लिए समर्थन मांगा।
प्रियंका ने 55 सैकंड के क्लिप में लोगों से अपील की कि अगर वे अपने लोकसभा क्षेत्र में विकास होते देखना चाहते हैं तो कांग्रेस को वोट दें।
प्रियंका को मंडी के कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा के पक्ष में सुंदरनगर में एक रैली को संबोधित करना था। आश्रय शर्मा भाजपा के मौजूदा सांसद राम स्वरूप शर्मा के खिलाफ मैदान में हैं। आश्रय पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के पोते हैं। आश्रय के पिता अनिल शर्मा ने हाल में प्रदेश सरकार की कैबिनेट से इस्तीफा दिया है। हिमाचल प्रदेश की सभी चार सीटों पर 19 मई को चुनाव होना है। साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले अनिल शर्मा अपने बेटे आश्रय और पिता सुखराम के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। उन्होंने मंडी विधानसभा सीट से चुनाव जीता था और प्रदेश की भाजपा सरकार में ऊर्जा मंत्री बनाए गए थे। प्रियंका की गैरमौजूदगी में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, हिमाचल की कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल, कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम ने रैली को संबोधित किया। सभी कांग्रेसी नेताओं ने अपने भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर निशाना साधा। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि आश्रय शर्मा खुद भी रैली में उपस्थित नहीं थे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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