हैदराबाद, - (भाषा) एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र के एक व्यक्ति को तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर व अन्य लोगों की हत्याओं के मामलों में प्रमुख षड़यंत्रकारी बताने वाली मीडिया खबरों का उल्लेख करते हुये शुक्रवार को प्रश्न किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल में महाराष्ट्र के वर्धा में दिये भाषण में कही बात को वापस लेंगें।
ओवैसी ने पीएमओइंडिया को टैग करते हुये एक ट्वीट में कहा,''क्या आप वर्धा में दिये भाषण को वापस लेना चाहेंगे या आप मुरली से कहेंगे कि वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में उतरे।''
वह मीडिया में आये उन समाचारों का उल्लेख कर रहे थे जिनमें कहा गया था कि महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) के आरोप के अनुसार दक्षिणपंथी कार्यकर्ता एमडी मुरली तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर, सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पानसरे व अन्य की हत्याओें का मुख्य षड़यंत्रकर्ता रहा है।
मोदी ने एक मई को कांग्रेस पर हमला बोलते हुये कहा था कि यह पार्टी ''शांतिप्रिय हिंदुओं'' को आतंकवादी के रूप में प्रस्तुत करके उन लोगों का अपमान कर रही है जो इस धर्म का पालन करते हैं।
ओवैसी ने कहा, ''एक धर्म आतंकवाद में संलग्न नहीं हो सकता। वह आधारभूत रूप से यह कहना चाह रहे हैं कि यह धर्म कभी भी संलग्न नहीं हो सकता और अन्य धर्म हो सकते हैं। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिये।''
उन्होंने कहा कि यह धुव्रीकरण उत्पन्न करने का सोचा समझा प्रयास है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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