नासिक, - महाराष्ट्र के नासिक जिले में जलाशयों में सिर्फ 17 प्रतिशत पानी ही बचा है। यह पिछले साल की तुलना में करीब नौ प्रतिशत कम है।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि जिला प्रशासन ने पेयजल की मांग को पूरा करने के लिए समूचे जिले में, खासतौर पर, ग्रामीण इलाकों में 250 से ज्यादा टैंकर तैनात किए हैं।
राज्य के जल संसाधन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री गिरीश महाजन ने स्थिति का जायज़ा लेने के लिए सोमवार को सिन्नर तहसील के सूखा प्रभावित कुछ इलाकों का दौरा किया था।
उन्होंने कहा कि जल आपूर्ति के लिए टैंकरों का इस्तेमाल करने और मवेशियों के लिए चारा शिविरों को शुरू करने की जरूरत है।
सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जिले में करीब 24 बांध हैं जिनमें से छह पिछले साल मानसूनी बारिश कम होने के कारण सूख गए।
उन्होंने बताया, '' मई के पहले सप्ताह में पानी की कमी महसूस की जा रही है क्योंकि जलाशयों में केवल 17 प्रतिशत पानी ही रह गया है जो पिछले साल की तुलना में करीब नौ फीसदी कम है।''
उन्होंने बताया कि शहर में पेयजल के मुख्य स्रोतों में से एक गंगापुर बांध में पानी का स्तर काफी गिरा है।
जिलाधिकारी कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि स्थिति जुलाई तक गंभीर रह सकती है और अगर मानसून आने में देरी हुई तो पानी की किल्लत और बढ़ेगी।
नासिक नगर निगम ने लेागों से सावधानी से पानी का इस्तेमाल करने की गुजारिश की है और पानी बर्बाद करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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