भोपाल, - मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजीव गांधी पर जो आरोप लगा रहे हैं वह बहुत 'घटिया' हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके बात करने का तरीका दर्शाता है कि वह बहुत बौखलाए हुए हैं और यह महसूस करने लगे हैं कि उनकी गुजरात वापसी का समय आ गया है।
कमलनाथ ने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा कि, "दुखद बात है कि मोदी अपनी हैसियत भूल गए हैं। वह जो आरोप लगा रहे हैं वे बहुत घटिया हैं। वह युवाओं, किसानों, व्यापारियों के बारे में बोलने के बजाय लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। वह लोगों को गुमराह कर रहे हैं।"
मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में कहा था राजीव गांधी का अंत भ्रष्टाचारी व्यक्ति के रूप में। "आपके (राहुल गांधी के) पिता को उनके दरबारी 'मिस्टर क्लीन' कहते थे, लेकिन उनका अंत भ्रष्टाचारी नंबर-1 के रूप में हुआ।"
मोदी का इशारा कथित रूप से बोफोर्स घोटाले की ओर था जिसमें राजीव गांधी फंसे थे। राजीव गांधी की 1991 में चेन्नई के निकट श्रीपेरुम्बदूर हत्या कर दी गई थी।
मोदी के भाग्य के बारे में पूछे जाने नाथ ने कहा, "एक बात बिल्कुल स्पष्ट है, मोदी अपने घर (गुजरात) वापस जा रहे हैं। उनकी घर वापसी तय है।"
मोदी के यह कहने कि तीसरे और चौथे चरण के मतदान के बाद ही विपक्ष चुनाव हार गया है, इस पर कमलनाथ ने कहा, 'वह और क्या कहेंगे? वह यह तो नहीं कहेंगे कि वह जमीन खो रहे हैं।"
मध्य प्रदेश में चार चरणों में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। पहले दो चरण के तहत 29 मई और 6 मई को मतदान हो चुका है। तीसरे चरण में 12 मई और चौथे चरण में 19 मई को मतदान होना है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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