तिरूवनंतपुरम, -) केरल के मुख्य चुनाव अधिकारी टीका राम मीणा ने मंगलवार को ऐसी शिकायतों पर एक रिपोर्ट मांगी है, जिनमें कहा गया है कि कांग्रेस नीत यूडीएफ कार्यकर्ताओं ने कन्नूर और कासरगोड संसदीय क्षेत्रों में 23 अप्रैल को कथित तौर पर फर्जी मतदान किया है।
उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ माकपा नीत एलडीएफ की शिकायतों को देखते हुये कन्नूर और कासरगोड के जिलाधिकारियों से यूडीएफ के सहयोगी दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के कार्यकर्ताओं के कथित तौर पर फर्जी मतदान करने की खबरों को लेकर बढ़ रहे विवाद पर एक रिपोर्ट मांगी गई है।
मीणा ने संवाददाताओं को बताया, ''फर्जी मतदान के खिलाफ होने वाली कार्रवाई में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जायेगा। हम इस मुद्दे को पूरी गंभीरता से देख रहे हैं। इन शिकायतों पर रिपोर्ट मिलने के बाद गौर किया जायेगा।''
वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने इस कथित फर्जी मतदान का 'डिजिटल साक्ष्य' जारी किया है। इसमें दिखाया गया है कि कासरगोड में एक मतदान केंद्र पर आईयूएमएल के कार्यकर्ता कथित तौर पर फर्जी मतदान कर रहे हैं।
आईयूएमएल के महासचिव केपीए मजीद ने कहा है कि पार्टी इन आरोपों पर तब गौर करेगी जब उसे स्थानीय इकाइयों से इस बाबत रिपोर्ट मिल जायेगी।
माकपा की राज्य इकाई के महासचिव कोदियारी बालकृष्ण ने मुख्य चुनाव अधिकारी की आलोचना करते हुये आरोप लगाया है कि मीणा यूडीएफ के हाथों की कठपुतली बने हुये हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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