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कैबिनेट सचिव ने एनसीएमसी बैठक में ओडिशा के फानी तूफान प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और दूरसंचार सेवाओं की बहाली पर जोर दिया


कैबिनेट सचिव श्री पी. के. सिन्हा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने आज संबंधित राज्यों और केन्द्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों के साथ ओडिशा, पश्चिम बंगाल एवं आंध्र प्रदेश के फानी तूफान प्रभावित क्षेत्रों में राहत उपायों की समीक्षा की।


ओडिशा ने सूचना दी कि राज्य के तूफान प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और दूरसंचार सेवाएं धीरे-धीरे बहाल की जा रही हैं। भुवनेश्वर और पुरी में विद्युत पारेषण और वितरण प्रणालियों को गंभीर नुकसान पहुंचने की खबरें हैं। आंशिक रूप से मोबाइल सेवाएं बहाल की जा रही हैं। दोनों शहरों में आज शाम तक लगभग 70 प्रतिशत जलापूर्ति बहाल कर दी जाएगी। ओडिशा ने भंडार जल टैंकों की आपूर्ति के लिए भी आग्रह किया है।


कैबिनेट सचिव ने निर्देश दिया कि विद्युत एवं दूरसंचार सुविधाओं की बहाली को सर्वाधिक प्राथमिकता दी जाए और विद्युत मंत्रालय तथा दूरसंचार विभाग ओडिशा सरकार के साथ समन्वय करें। विद्युत मंत्रालय ने 500 केवीए, 250 केवीए एवं 125 केवीए क्षमता के डीजी सैट्स सुलभ कराए हैं और वर्कमेन गैंग्स भी उपलब्ध कराए हैं जो बिजली के तारों तथा टावरों की बहाली में जुटे हुए हैं। बिजली क्षेत्र की पीएसयू के वरिष्ठ अधिकारियों को बहाली अभियान की निगरानी के लिए प्रभावित क्षेत्रों में तैनात कर दिया गया है। आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के पड़ोसी राज्यों से ओडिशा को अतिरिक्त सहायता, विशेष रूप से बिजली के क्षेत्र में, उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है।


कैबिनेट सचिव ने यह भी सुझाव दिया कि बिजली तथा तेल एवं गैस क्षेत्र से जुड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां अपने सीएसआर फंडिंग से राहत प्रयासों की दिशा में योगदान दें।


इस्पात मंत्रालय ने लगभग 3500 इस्पात के बिजली के पोल उपलब्ध कराए हैं और जैसा कि ओडिशा द्वारा आग्रह किया गया है, अन्य स्थानों से अतिरिक्त मात्राएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। अतिरिक्त पोलों का विनिर्माण भी आरंभ किया गया है।


प्रभावित दूर संचार टावरों के 60 प्रतिशत के शाम तक संचालनगत हो जाने की उम्मीद है और नियमित विद्युत आपूर्ति के अभाव में डीजीसैटों का उपयोग करते हुए उन्हें संचालनगत बनाने के लिए डीजल की आपूर्ति की जा रही है। ओडिशा में डीजल एवं अन्य ईंधनों का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है।


रेलवे ने 138 रद्द रेलगाड़ियों में से 85 आरंभ कर दी हैं। भुवनेश्वर जाने वाली मुख्य रेल लाइन पर संचालन आरंभ कर दिया गया है जबकि पुरी को लगभग 4-5 दिनों में रेलगाड़ियां उपलब्ध करा दी जाएंगी। भुवनेश्वर के लिए उड़ान संचालन आरंभ कर दिया गया है और स्थानीय हवाई अड्डे को व्यापक नुकसान होने के बावजूद कल 41 उड़ानें भरी गईं।


एनडीआरएफ ने पुरी, खुर्दा और भुवनेश्वर में अधिकांश सड़कों पर गिरे हुए पेड़ों को हटा दिया है तथा सामान्य यातायात बहाल हो गई है।


रक्षा मंत्रालय ने विशेष परिवहन हवाई जहाजों तथा हेलीकॉप्टरों के जरिए दवाइयां एवं अन्य राहत सामग्रियां उपलब्ध कराई हैं। ओडिशा तट के निकट नौसेना एवं तट रक्षक पोत के पास प्रभावित क्षेत्रों को आपूर्ति करने के लिए पर्याप्त जलापूर्ति है।


राहत प्रयासों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव ने केन्द्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे ओडिशा राज्य सरकार के साथ घनिष्ठ समन्वय के साथ कार्य करें और त्वरित गति से सभी आवश्यक सहायता उपलब्ध कराएं।


आंध्र प्रदेश, ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिवों एवं प्रमुख सचिवों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एनसीएमसी बैठक में भाग लिया। गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, रेल मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, बिजली मंत्रालय, दूरसंचार मंत्रालय, इस्पात मंत्रालय, पीने का पानी एवं स्वच्छता मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, एनडीएमए एवं एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया।


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