नयी दिल्ली, -) लोकसभा चुनाव की मतगणना में तीन सप्ताह से भी कम समय बचा है, ऐसे में कांग्रेस ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के लिए विभिन्न सुरक्षा मानक अपनाने का अनुरोध किया है।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि अमेठी में ईमानदारी से और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष मतदान कराने के लिए कुछ दिशानिर्देश दिये जाएं।
चुनाव आयोग को इस संबंध में दो हलफनामे जमा करने वाले कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में शामिल अभिषेक मनु सिंघवी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''प्रत्येक ईवीएम का ब्योरा पहले ही दिया जाए जिसमें मशीन की संख्या तथा उस मतदान केंद्र का नाम हो जिससे वह मशीन आई है।''
उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने आयोग को निर्देश दिया था कि हर विधानसभा में एक मतदान केंद्र के बजाय पांच बूथ से वीवीपैट पर्चियों का बिना किसी क्रम के (रैंडम) सत्यापन किया जाए ताकि मतदाताओं का विश्वास बढ़े और मतदान प्रक्रिया की विश्वसनीयता बढ़े।
सिंघवी ने कहा, ''हमने यह महत्वपूर्ण सवाल उठाया है कि इस आम चुनाव में ऑटोचैक करते हुए गड़बड़ी या अवैध चीजें होती पाई जाती हैं, वो चाहे पांचों की पांचों जगह हों या पाच में से चार जगह हों, तो चुनाव आयोग क्या कार्रवाई करेगा? यह चुनाव आयोग के किसी नियम या शर्त में नहीं लिखा है।''
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि किस बूथ की कौन सी ईवीएम किस मतगणना केंद्र पर लाई जा रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ''उदाहरण के लिए अगर किसी मतदान केंद्र पर 10 ईवीएम हैं, उन्हें 1 से 10 संख्या दी जानी चाहिए। क्योंकि जब मतगणना होती है तो हम ईवीएम की संख्या का मिलान कर सकते हैं।''
सिंघवी ने कहा कि आयोग से अमेठी में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने का अनुरोध भी किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के अमेठी और केरल के वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने अमेठी में राहुल के खिलाफ भाजपा उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का जिक्र करते हुए कहा, ''उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की एक महिला मंत्री के सभी प्रस्तावों को आगे बढ़ाया है। यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि केवल भाजपा कार्यकर्ता या मंत्री काम करा पाए हैं। राहुल गांधी के प्रस्तावों को रोका जा रहा है या लटकाया जा रहा है।''
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग से अमेठी के हर बूथ पर सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाने का आग्रह किया है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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