जन सामान्य को तम्बाकू सेवन के दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता


प्रदेश की सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती वी0 हेकाली झिमोमी ने कहा कि तम्बाकू केवल स्वास्थ्य पर ही प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालता बल्कि आय और विकास के अवसर को भी छीन लेता है। गरीब परिवारों में जहां पर तम्बाकू का प्रयोग किया जाता है उन घरों में बच्चों की शिक्षा एवं पोषण काफी हद तक प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विकासशील देश में स्कूल जाने वाले बच्चों और कम उम्र में तम्बाकू का प्रयोग एक गम्भीर चुनौती है। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण प्रोग्राम इस समस्या के समाधान की ओर एक सार्थक कदम है। लेकिन इस प्रोग्राम को और मजबूत करने की जरूरत है जिससे प्रत्येक स्तर पर तम्बाकू नियंत्रण की नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि मेरा विश्वास है कि यह प्रोग्राम तम्बाकू निषेध की दिशा में मजबूती से काम करेगा। 

सचिव स्वास्थ्य ने आज उ0प्र0 आवास विकास परिषद के सभागार में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यशाला का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि तम्बाकू से आजादी कार्यक्रम के अन्तर्गत यलो लाईन अभियान आरम्भ किया गया। इस अभियान को विश्व स्वास्थ्य संगठन की अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से सराहा भी गया। उन्होंने कहा कि सभी विभागों एवं स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग प्राप्त कर इस अभियान को सफल बनाया जायेगा। वर्तमान में इस अभियान के अन्तर्गत प्रदेश के 2500 विद्यालयों एवं 1300 सरकारी कार्यालयों को तम्बाकू मुक्त परिसर बनाया जा चुका है।

श्रीमती झिमोमी द्वारा इस अवसर पर यलो लाईन अभियान की विवरणिका का विमोचन किया गया। तम्बाकू नियंत्रण पर निर्मित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए जन सामान्य को तम्बाकू सेवन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने की नितान्त आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को तम्बाकू के सेवन से बचाने के लिए इसके दुष्प्रभावों से उन्हें अवगत कराया जाय ताकि वे इससे दूर रहें।

इस अवसर पर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा0 पदमाकर सिंह, महानिदेशक परिवार कल्याण डा0 नीना गुप्ता, निदेशक स्वास्थ्य डा0 मधु सक्सेना सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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