कोटशिला, - पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार जंगलमहल आदिवासी इलाके में शांति कायम करने में सफल रही। उन्होंने कहा कि वामपंथी शासन में जंगलमहल के लोग माकपा और नक्सली दोनों से डरे रहते थे।
पुरुलिया जिले के कोटशिला में एक चुनावी रैली में बनर्जी ने कहा कि इलाके में परिदृश्य अब बदल गया है। जंगलमहल इलाके में झाड़ग्राम, पश्चिम मिदनापुर, बांकुरा और पुरुलिया जिले आते हैं।
उन्होंने कहा, ''हम पुरुलिया और झाड़ग्राम इलाके में शांति लाने में सफल रहे हैं और कई विकास कार्य यहां किए गए हैं जिनमें जल से जुड़ी परियोजनाएं प्रमुख हैं।'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में उन्होंने कुछ नहीं किया है।
तृणमूल नेता ने कहा, ''भाजपा को वोट मत दीजिए। वे कुछ नहीं करेंगे और केवल झूठ बोलेंगे और लोगों को एक-दूसरे से लड़वाएंगे।''
सिंगूर और नन्दीग्राम में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन चला चुकी बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करेगी।
हूरा में आयोजित एक अन्य रैली में उन्होंने कहा कि छारा में सरकार हवाई अड्डा बनाने की योजना बना रही है ताकि जिले को कोलकाता एवं अन्य स्थानों से जोड़ा जा सके। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि तृणमूल की राज्य में सभी 42 सीटों पर जीत दर्ज करने में मदद करें।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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