सूरत, दो मई -) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मोदी उपनाम को लेकर दिये गये बयान पर बृहस्पतिवार को सूरत की एक अदालत ने उन्हें समन जारी किया। गुजरात के एक विधायक ने अदालत में कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ उनके उस बयान के लिये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है, जिसमें उन्होंने कहा था, ''सारे चोरों के उपनाम मोदी क्यों हैं।''
सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बी. एच. कपाड़िया ने राहुल गांधी को समन जारी करते हुए उन्हें सात जून को अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।
भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ आईपीसी की मानहानि से संबंधित धारा 499 और 500 के तहत 16 अप्रैल को यह शिकायत दायर की थी।
अपनी शिकायत में सूरत-पश्चिमी सीट से विधायक ने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने ''सारे मोदी चोर हैं'' कहकर समूचे मोदी समुदाय का अपमान किया है।
13 अप्रैल को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था, ''नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी आखिर इन सभी का उपनाम मोदी ही क्यों हैं... सारे चोरों के उपनाम मोदी क्यों हैं?''
पिछले महीने मानहानि मुकदमा दायर करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पूर्णेश ने दावा किया कि राहुल गांधी के इस बयान से समूचे मोदी समुदाय का अपमान हुआ है।
विधायक ने कहा, ''मोदी उपनाम वाले लोगों की तादाद काफी अधिक है। क्या इसका यह मतलब है कि मोदी समुदाय के सभी लोग चोर हैं? उन्होंने इस समुदाय और मेरा भी अपमान किया है, क्योंकि मेरा भी उपनाम मोदी है, इसलिए मैंने सूरत की अदालत में आईपीसी की धाराओं 499 और 500 के तहत यह शिकायत (राहुल गांधी के खिलाफ) दर्ज करायी है।''
बुधवार को अहमदाबाद की एक अदालत ने भी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को ''हत्या का आरोपी'' बताये जाने को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा दायर मानहानि के मामले में राहुल गांधी को समन भेजा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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