नयी दिल्ली, -) गृह मंत्रालय ने भारतीय मूल के उन लोगों की 'काली सूची' को समाप्त कर दिया है जिन्होंने भारत में कथित उत्पीड़न की याचिका के तहत विदेश में शरण ली थी। इनमें अधिकतर सिख थे।
भारतीय मिशन इस तरह की सूची रखते हैं।
अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि ऐसे लोगों को नियमित वीजा और भारत के प्रवासी नागरिक (ओसीआई) कार्ड भी दिये जाएंगे।
भारतीय मूल के शरणार्थियों को भारतीय मिशनों ने वीजा देने से इनकार कर दिया था और तब से उन्होंने भारत में कथित उत्पीड़न की बात कहकर विदेश में शरण ली थी।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने अब ऐसी किसी भी स्थानीय सूची को रखना बंद कर दिया है।
अब ऐसे शरणार्थी और उनके परिवार के सदस्य, जो भारत सरकार की मुख्य प्रतिकूल सूची में नहीं हैं, उन्हें उस देश के विदेशियों के अनुसार वीजा और वाणिज्यिक सेवा दी जाएगी जिसमें वे रहते हैं।
इस तरह के भारतवंशियों में अधिकतर सिख हैं। अधिकारियों ने कहा कि वे अगर कम से कम दो साल तक सामान्य भारतीय वीजा रखते हैं तो ओसीआई कार्ड भी प्राप्त कर सकते हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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