नयी दिल्ली, भाषा - राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के पुत्र शौर्य डोभाल को ''जेड'' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गयी है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि उन्हें संभावित खतरों को देखते हुए यह सुरक्षा प्रदान की गयी है।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ रहे 10 भाजपा उम्मीदवारों को भी केंद्र ने सीमित अवधि के लिए सुरक्षा प्रदान की है।
अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा तैयार सुरक्षा आकलन रिपोर्ट के बाद शौर्य डोभाल को केंद्रीय अर्धसैनिक बल के ''मोबाइल सुरक्षा कवर'' के तहत लाया गया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उन्हें उनके पिता और अन्य लोगों के विरोधियों से खतरा है।
इस रिपोर्ट के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शौर्य डोभाल (43) को 'जेड' श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया। इसके तहत उनकी सुरक्षा में सीआईएसएफ कमांडो तैनात होंगे। कमांडो एके -47 हथियारों से लैस होंगे। उनकी सुरक्षा में 15-16 कमांडो रहेंगे।
शौर्य डोभाल थिंक-टैंक 'इंडिया फाउंडेशन' के प्रमुख हैं।
अजीत डोभाल को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा ''जेड प्लस''श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करायी गयी है। अजीत डोभाल को करीब चार साल पहले इस सुरक्षा कवर के तहत लाया गया था।
इसी प्रकार सरकार ने पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ रहे भाजपा के कई उम्मीदवारों को भी ''सीमित अवधि'' के लिए वीआईपी सुरक्षा प्रदान की है।
यादवपुर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार अनुपम हाजरा और और बैरकपुर से चुनाव लड़ रहे अर्जुन सिंह को केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक कमांडो की 'वाई' सुरक्षा प्रदान की गयी है।
इसी तरह, केंद्रीय मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री और दुर्गापुर से उम्मीदवार एस एस अहलूवालिया, कूच बिहार से उम्मीदवार निशित प्रमाणिक, पूर्व आईपीएस अधिकारी और घटाल सीट से उम्मीदवार भारती घोष को वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की गयी है। इसके तहत 5-6 सशस्त्र कमांडो सुरक्षा में तैनात होते हैं। भाजपा नेता सिद्धार्थ शेखर दास को भी सुरक्षा प्रदान की गयी है।
उत्तरी 24 परगना सीट से भाजपा उम्मीदवार शांतनु ठाकुर को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गयी है, जबकि न्यूनतम 'एक्स' श्रेणी की सुरक्षा दुलाल चंद्र बार और खगेन मुर्मू को दी गयी है।
पश्चिम बंगाल में सुरक्षा पाने वाले सभी राजनीतिक लोगों के साथ सशस्त्र कमांडो मतदान समाप्त होने तक होंगे और गृह मंत्रालय ने मई-जून तक उनकी सुरक्षा वापस लेने का निर्देश दिया है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ