सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

दक्षिण भारत के साथ सौतेला व्यवहार हुआ, मोदी को बाहर करने में अहम होगी इनकी भूमिका : थरूर


नयी दिल्ली, -) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में दक्षिण भारत के साथ “सौतेला व्यवहार” किया गया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार को सत्ता से बेदखल करने में दक्षिणी राज्य महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे तथा “जबर्दस्त ढंग से” कांग्रेस का साथ निभाएंगे। 

उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस के लिए देश के सभी वर्ग समान रूप से महत्त्वपूर्ण हैं और हम प्रत्येक वर्ग को साथ लेकर चलते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने के फैसले ने संदेश दिया है कि कांग्रेस शासन के तहत केंद्र में दक्षिणी राज्यों की चिंताओं एवं आकांक्षाओं को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। 

थरूर ने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा, “मेरे विचार से दक्षिण, देश की राजनीतिक किस्मत का फैसला करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा खास कर मौजूदा सरकार को बाहर करने के संदर्भ में, जिसके कार्यकाल में साफ नजर आता है कि दक्षिण के साथ केंद्र में सौतेला व्यवहार किया गया।” 

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के पिछले पांच साल के शासन में सहकारी संघवाद के विचार पर “चौतरफा हमले” किए गए जिसने देश को स्वतंत्रता के बाद से एकजुट रखा है। 

उन्होंने कहा, “यह कुछ हद तक गोमांस पर प्रतिबंध एवं हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के तौर पर थोपने के अभियान जैसे कुछ सांस्कृतिक कारकों से संबंधित है लेकिन कुछ बड़े मुद्दे जैसे 15वें वित्त आयोग के संदर्भ की शर्तों (टर्म्स ऑफ रेफरेंस) को लेकर हो रहा हंगामा भी है जिसका दक्षिणी राज्यों की आर्थिक एवं राजनीतिक सुरक्षा पर असर होगा।'' 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने खास कर राहुल गांधी के दक्षिण से चुनाव लड़ने के फैसले ने दक्षिणी राज्यों तक प्रभावी पहुंच बनाई है। 

थरूर ने कहा, “केरल के मेरे अनुभव मुझे बताते हैं कि यह संदेश सब तक पहुंचा हुआ है और यह साफ है कि दक्षिण वर्तमान शासन के सबसे विश्वसनीय विकल्प के रूप में जबर्दस्त ढंग से कांग्रेस के पक्ष में रहेगा।” 

तीसरी बार तिरुवनंतपुरम से लोकसभा के लिए निर्वाचित होने की तैयारी कर रहे थरूर ने जोर दिया कि चुनाव के बाद केंद्र में गठबंधन की सरकार होगी और इस गठबंधन के राजग तीन की बजाए संप्रग तीन के होने की संभावना प्रबल है।

थरूर ने कहा कि भाजपा को सरकार गठन के लिए समर्थन जुटाने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों का रुख करने पर मजबूर होना पड़ेगा लेकिन ज्यादातर संभावित साझेदार अपना समर्थन देने को इच्छुक नहीं होंगे। 

थरूर ने कहा कि ऐसा इसलिए होगा क्योंकि पिछले पांच साल में मोदी-शाह शासन के दौरान उनकी आवाज एवं चिंताओं को “कमतर आंका गया और हाशिए पर रखा गया।” 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...