हैदराबाद, -। पिछले सप्ताह ओडिशा, आंध्र प्रदेश और अन्य तटीय राज्यों को अपने चपेट में लेने वाले गंभीर चक्रवाती तूफान 'फोनी' के कारण दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) को लगभग 2.98 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।
एससीआर ने एक विज्ञप्ति में कहा, ''दक्षिण मध्य रेलवे को गंभीर चक्रवाती तूफान 'फोनी' के कारण 2,97,92,581 रुपये राजस्व का नुकसान हुआ है।''
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान कुल 137 ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं।
यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेन परिचालन सुनिश्चित करने के लिए कई ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द करना पड़ा या उनके मार्ग में परिवर्तित करना पड़ा था।
इसमें कहा गया है कि 120 ट्रेनों को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया और 40,390 यात्रियों को किराये का पूरा रिफंड वापस किया गया था, जो 2.93 करोड़ रुपये था।
एससीआर 'फोनी' का जोर कम होने के तत्काल बाद कार्रवाई में जुट गया था।
उसने महत्वपूर्ण स्टेशनों पर फंसे यात्रियों की सुविधा के लिए तीन विशेष ट्रेनें चलाने की व्यवस्था की।
एससीआर ने चार और पांच मई को क्रमशः सिकंदराबाद-भुवनेश्वर, विजयवाड़ा-हावड़ा और सिकंदराबाद-हावड़ा के बीच तीन तीन विशेष ट्रेनें चलाईं।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि लगभग 3,043 फंसे हुए यात्री अपने गंतव्यों की यात्रा करने में सक्षम हुए। इसमें कहा गया है कि एससीआर ने विशेष ट्रेनें चलाकर 20.90 लाख रुपये कमाए हैं।
चक्रवात 'फोनी' तीन मई को ओडिशा के पुरी के पास पहुंचा था जिससे 14 जिलों के 1.5 करोड़ से भी अधिक लोग प्रभावित हुए, जिसमें बिजली, पेयजल और दूरसंचार जैसी बुनियादी सुविधाओं को तहस नहस कर दिया।
इस आपदा के कारण 5.08 लाख घरों को नुकसान पहुंचा और इसमें कम से कम 41 लोग मारे गए थे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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