कोच्चि, -) भारत ने बुधवार को कहा कि न्यूजीलैंड, श्रीलंका और देश में आतंकवाद की हालिया घटनाओं ने एशिया प्रशांत क्षेत्र में सीमाशुल्क प्रशासन के क्षेत्र में चुनौती पैदा की है और आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए राष्ट्रों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। सीमाशुल्क प्रशासन के क्षेत्रीय प्रमुखों के 20 वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अध्यक्ष प्रणब कुमार दास ने आतंकवाद से पैदा खतरे से निपटने के लिए समय से सहयोग की जरूरत को रेखांकित किया। वर्ल्ड कस्ट्म्स आर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूसीओ) एशिया/पैसिफिक के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष दास ने कहा, ''सीमा शुल्क प्रशासन को आतंकवाद से निपटने के लिए दूसरी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।'' उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान, भारत, न्यूजीलैंड और हाल में श्रीलंका में आतंकवाद की घटनाओं से चुनौती पैदा हुयी है और समय से व्यापक सहयोग और निरंतर प्रयासों की जरूरत है। डब्ल्यूसीओ महासचिव कुनियो मिकुरिया ने भारत के दृष्टिकोण से सहमति जतायी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और अवैध कारोबार ऐसे महत्वपूर्ण विषय हैं जिसपर रोक लगाना होगा। समारोह के इतर मीडिया से बात करते हुए दास ने कहा कि जहां तक मादक द्रव्य के कारोबार की बात है संबंधित सीमा शुल्क एजेंसियां गिरोह का पता लगाने और जरूरी कदम उठाने के लिए दूसरे देशों के साथ वास्तविक समय पर सूचनाएं साझा कर रही हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ