अलौकिक विशेषता को पहचानकर आगे बढ़ने का प्रयास करे - राज्यपाल



श्री नारायण सांस्कृतिक चेतना न्यास व श्री चित्रगुप्त सभा ट्रस्ट नोएडा द्वारा दिव्यांग बच्चों के उत्साहवर्धन के लिये 'राज्यपाल से एक मुलाकात कार्यक्रम' का राजभवन में आज आयोजन किया गया। लगभग 111 दिव्यांग बच्चें नोएडा से लखनऊ तक का हवाई सफर तय करके अपने संस्था के पदाधिकारी, शिक्षकों एवं चिकित्सकों के साथ कार्यक्रम में राजभवन पहुंचे। इससे पूर्व बच्चें इसी कड़ी में जयपुर और अहमदाबाद की यात्रा कर चुके हैं। इस अवसर पर संस्था के मुख्य न्यासी डाॅ0 राजन कुमार संस्था के पदाधिकारीगण व अन्य लोग उपस्थित थे। 
राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में दिव्यांग बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुये कहा कि 'आप भाग्यशाली है कि इस छोटी सी उम्र में हवाई सफर कर रहे हैं, मैंने तो 45 वर्ष की आयु तक कोई हवाई सफर नहीं किया था। शरीर में कोई कमी होना दोष नहीं है। यदि एक अंग की शक्ति कम होती है तो मनुष्य के पास दूसरा कोई न कोई गुण विशेष रूप से बढ़ जाता है। इसीलिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिव्यांग शब्द दिया है। अलौकिक विशेषता को पहचानकर आगे बढ़ने का प्रयास करे। मजबूत इच्छाशक्ति से असंभव कार्य भी संभव हो सकते हंै। समस्या को सुलझाने के लिये स्वयं रास्ते निकालें। हिम्मत न हारें, संघर्ष करते रहें क्योंकि निरन्तर आगे बढ़ते रहने वालों को ही सफलता मिलती है। भारत सरकार ने दिव्यांगों के सशक्तीकरण के लिये कई नये कानूनों का प्राविधान किया है। उत्तर प्रदेश में दिव्यांगों के लिये एक विशेष विश्वविद्यालय, डाॅ0 शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की स्थापना लखनऊ में हुई है, जिसमें दिव्यांग और सामान्य बच्चे एक साथ उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शिक्षा ही भावी जीवन को नई दिशा दे सकती है।' 
श्री नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश के नागरिकों को गर्व अनुभव करना चाहिए कि वे ऐसे प्रदेश के निवासी हैं जहाँ गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है। जनवरी में प्रयागराज में कुम्भ 2019 का आयोजन किया गया जिसमें देश-विदेश से आये 24 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया। उत्तर प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र से जुड़े अनेक स्थान हैं जैसे प्राचीन मंदिर, आगरा का ताजमहल, लखनऊ की ऐतिहासिक इमारतें आदि जहाँ बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। उत्तर प्रदेश से केवल तीन देश अमेरिका, चीन एवं इण्डोनेशिया आबादी की दृष्टि से बड़े हैं। यहाँ से 80 सांसद चुनकर लोकसभा जाते हैं। प्रदेश ने अब तक देश को 9 प्रधानमंत्री दिये हैं और शीघ्र ही शपथ लेने के बाद श्री नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश से होने वाले 10वंे प्रधानमंत्री होेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के नागरिकों को अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए। 
राज्यपाल ने अपने बारे में बताते हुये कहा कि वे उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बनने से पूर्व मुंबई से 3 बार विधायक और 5 बार सांसद रहे। अपनी पढ़ाई पुणे से की तथा नौकरी के लिये मुंबई आये। रेलमंत्री रहते हुये दिव्यांगों की यात्रा के लिये एक डिब्बा आरक्षित कराने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि उनके संस्मरण संग्रह पर आधारित मराठी भाषा में पुस्तक 'चरैवेति!चरैवेति!!' लिखी है जिसका 9 भाषाओं हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, गुजराती, संस्कृत, सिंधी, अरबी एवं फारसी भाषा में प्रकाशन हो चुका है तथा जर्मन भाषा में शीघ्र विमोचन किया जायेगा। नेशनल एसोसिएशन फाॅर ब्लाइंड इण्डिया द्वारा शीघ्र ही मराठी, हिन्दी एवं अंग्रेजी बे्रल लिपि में पुस्तक का प्रकाशन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जब ब्रेल लिपि में उनकी पुस्तक उपलब्ध होगी तो दृष्टिबाधित बच्चों को उपहार स्वरूप अपनी पुस्तक भेजेंगे।
इस अवसर पर दृष्टिबाधित दिव्यांग बच्चों ने राष्ट्रगान एवं भजन 'पायो जी मैंने राम रतन धन पायो' प्रस्तुत किया। भेंट के बाद डाॅ0 राजन कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा राज्यपाल का सम्मान अंग वस्त्र एवं पुष्प गुच्छ से किया। राज्यपाल ने संस्था को अपनी पुस्तक 'चरैवेति! चरैवेति!!' की हिन्दी प्रति भी भेंट की।


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