नयी दिल्ली, - दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को 'जॉन्सन एंड जॉन्सन' को चार मरीजों को 25-25 लाख रुपये का अंतरिम भुगतान करने का निर्देश दिया। अदालत ने निर्देश यह सत्यापित करने के बाद दिया कि कंपनी द्वारा दोषपूर्ण कूल्हा प्रतिरोपण के बाद मरीजों को 'रिवीजन सर्जरी' करानी पड़ी।
अदालत ने यह निर्देश उस समय दिया जब कंपनी ने कहा कि वह प्रतिरोपण से प्रभावित मरीजों को मुआवजे के तौर पर 25 लाख रुपये देने का इच्छुक है।
न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने कंपनी से सभी दावाकर्ताओं की सूची देने को कहा जो उसके पास पंजीकृत हैं।
अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 29 मई की तारीख तय की और केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को निर्देश दिया कि कंपनी को सभी दावाकर्ताओं की जानकारी दी जाए।
संगठन ने कंपनी को चारों मरीजों को क्रमश: 65 लाख, 74 लाख, एक करोड़ और 90.26 लाख रुपये देने को कहा था।
अदालत ने अंतरिम आदेश के तहत कंपनी को इन चारों मरीजों को 25-25 लाख रुपये देने को कहा जिसके लिए संगठन उनके दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद आदेश जारी कर चुका है।
अदालत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी उस प्रेस विज्ञप्ति को चुनौती देने वाली कंपनी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें सभी प्रभावित मरीजों को समितियों की रिपोर्ट के आधार पर मुआवजे का भुगतान करने को कहा गया था।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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