मुंबई, -)भारतीय रिजर्व बैंक ने राज्यों के राजकोषीय घाटे में वृद्धि के खतरे को लेकर आगाह किया है। उसका कहना है कि कृषि कर्ज माफी, आय समर्थन योजना तथा बिजली वितरण कंपनियों से जुड़े उदय बांड के बोझ से राज्यों का घाटा बढ़ सकता है।
यहां केंद्रीय बैंक के मुख्यालय में आरबीआई के शीर्ष अधिकारियों तथा 15वें वित्त आयोग के सदस्यों की बुधवार को बैठक के दौरान केंद्रीय बैंक की ओर से यह बात कही गयी। बैठक में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर शामिल हुए।
पीआईबी (रिपीटी पीआईबी-पत्र सूचना कार्यालय) ने एक बयान में कहा कि आरबीआई ने वित्त आयोग के समक्ष विशेष रूप से उन कारकों को रखा जिससे 2018-19 के संशोधित अनुमान में राजकोषीय घाटा बढ़ेगा। इन कारकों में उदय योजना तथा कृषि कर्ज माफी एवं आय समर्थन योजनाएं शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि आम चुनावों से पहले केंद्र सरकार के साथ कुछ राज्यों ने किसानों, गरीब और वंचित तबकों के लिये कुछ राहत योजनाओं की घोषणा की।
विभिन्न क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भाजपा शासित राज्यों के साथ राज्य में हाल में चुनी गयी कांग्रेस सरकार ने कर्ज माफी समेत अन्य योजनाओं की घोषणा की।
राजकोषीय स्थिति के हिसाब से इसे खराब कदम बताते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा कि इससे वित्त पर दबाव बढ़ेगा और अंतत: घाटा बढ़ेगा।
इसमें यह भी कहा कि राजस्व प्राप्ति के प्रतिशत के रूप में ब्याज भुगतान में कमी के बावजदू जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के प्रतिशत के रूप में बकाया कर्ज बढ़ रहा है।
इसके अलावा दास ने राज्य वित्त आयोग के गठन, सार्वजनिक क्षेत्र में कर्ज तथा वित्त आयोग को बनाये रखने की जरूरत पर भी बल दिया।
दिसंबर में रिजर्व बैंक का गवर्नर बनने से पहले दास वित्त आयोग के सदस्य थे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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