कोलकाता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाले स्वायत्त निकाय विज्ञान प्रसार लोगों के बीच विज्ञान को नरे सिरे से लोकप्रिय बनाने के क्रम में उनसे क्षेत्रीय भाषाओं में बातचीत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
एक वैज्ञानिक ने शुक्रवार को बताया कि अंग्रेजी एवं हिंदी के अलावा विज्ञान प्रसार के सभी प्रकाशन एवं ऑनलाइन विषय वस्तुओं को क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाएगा।
विज्ञान प्रसार के रिंटु नाथ ने कहा, “वृहत पहुंच के लिए शुरआत में बांग्ला, तमिल एवं मराठी भाषाओं का चयन किया गया है।”
उन्होंने ये बातें “साइंस कम्युनिकेशन, पोपुलराइजिंग एंड आउटरीच इन बंगाली - द रोड अहैड' पर रखी गई संगोष्ठी में कही।
नाथ ने कहा, “हमने पश्चिम बंगाल में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने का काम कर रहे करीब 36 संस्थानों (निजी एवं सरकारी) से बात की।”
विज्ञान प्रसार ने सभी संगठनों को साथ लाकर एक साझा पारिस्थितिक तंत्र बनाने के क्रम में सामान्य मंच बनने का और इन मंचों के जरिए पहले से हो रहे संचार तथा सूचना के बेहतर प्रसार के लिए इन्हें कारगर बनाने का निर्णय किया है
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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